सेनाप्रमुख जनरल मुनीर की सौदी यात्रा की ओर पाकिस्तान बड़ी उम्मीद से देख रहा है – पाकिस्तानी पत्रकारों की नाराज़गी

इस्लामाबाद – अपने सेनाप्रमुख जनरल असिम मुनीर सौदी की सौदी अरब यात्रा की ओर पाकिस्तान की सरकार और जनता की नज़रे लगी हैं। सेनाप्रमुख मुनिर ने सौदी के रक्षामंत्री प्रिन्स खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअझिज से मुलाकात की हैं और दोनों देशों का सैन्य सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर इस दौरान चर्चा होने की जानकारी पाकिस्तान की सेना साझा कर रही हैं। लेकिन, वास्तव में दिवापिया होने की दहलिज पर पहुँचे अपने देश को आर्थिक सहायता प्रदान करें, ऐसी याचना करने के लिए पाकिस्तान के सेनाप्रमुख सौदी अरब पहुँचे हैं। इस काम में उन्हें सफलता प्राप्त होगी क्या, इसपर पाकिस्तान की सरकार और जनता का भी ध्यान लगा हैं। पाकिस्तान के पत्रकार ही यह जानकारी प्रदान कर रहे हैं और इसके आगे की जानकारी कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने सामने लायी हैं।

जनरल मुनीरपाकिस्तान के विदेश मुद्रा भंड़ार में छह अरब डॉलर्स से भी कम राशि शेष बची हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और मित्रदेशों ने सहायता प्रदान नहीं की तो पाकिस्तान जल्द ही दिवालिया होगा। फिलहाल पाकिस्तानी रुपये का मुल्य अमरिकी डॉलर के सामने २२७ तक फिसला हैं। यह सरकार दे रही जानकारी हैं, लेकिन, वास्तव में २८० रुपये खर्च करने के बावजूद पाकिस्तान में डॉलर नहीं मिल रहा है।पाकिस्तान की सरकार ने अभी तक कृत्रिम ढ़ंग से रुपये की फिसलन रोक रखी हैं। पाकिस्तान की सरकार यह हस्तक्षेप करना बंद करें, इसके बाद ही मुद्राकोश की सहायता प्राप्त होगी, ऐसी शर्त मुद्राकोश ने पाकिस्तान के सामने रखी हैं। यह शर्त स्वीकार करने पर पाकिस्तान के रुपये का मूल्य ३२५ तक फिसलेगा और इस देश में महंगाई का नया कोहराम शुरू होगा, इस चिंता ने पाकिस्तान की सरकार को परेशान कर रखा हैं। ऐसी स्थिति में अपने सेनाप्रमुख को सौदी अरब भेजकर कुछ अरब डॉलर्स का प्रावदान करने की बेबस कोशिश पाकिस्तान कर रहा हैं।

पहले के दौर में पाकिस्तानी सेनाप्रमुख सौदी एवं अन्य खाड़ी देशों के दौरे पर जाने के बाद उनसे बड़े सम्मान से बर्ताव होता था। लेकिन, अब भीख मांगने के लिए पाकिस्तान के सेनाप्रमुख सौदी और खाड़ी के अन्य देशों की यात्रा करते हैं। इससे पाकिस्तान के सेनाप्रमुख को पहले जैसा सम्मान नहीं मिलता, ऐसा अफसोस इस देश के माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। वही, कुछ विश्लेषकों ने सेनाप्रमुखों की सौदी यात्रा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। पाकिस्तान की सरकार ही आर्थिक समस्या दूर करने के लिए सेनाप्रमुख को इस तरह से इस्तेमाल करती हैं, तो फिर सेनाप्रमुख से अपने कारोबार में हस्तक्षेप होने के लिए सरकार तैयार रहे, ऐसी फटकार यह विश्लेषक लगा रहे हैं। ऐसी गलत बातों को बढ़ावा देने की वजह से ही पाकिस्तान की जनतांत्रिक व्यवस्था के निचले स्तर पर पहुँची हैं, ऐसी आलोचना इन विश्लेषकों ने दी हैं।

पाकिस्तान के एक पत्रकार ने इसके आगे की जानकारी प्रदान की। सौदी अरब ने पाकिस्तान को सहायता देने की तैयारी दिखाई हैं, लेकिन, इससे पहले आपके देश में राजनीतिक स्थिरता स्थापीत करे, ऐसी सूचना सौदी अरब ने पाकिस्तान को की हैं। यह राजनीतिक स्थीरता स्थापित करना यानी पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था को झटके दे रहे इम्रान खान को राजनीतिक नज़रिये से खत्म कनरा, यह होता हैं, ऐसा इस पत्रकार का कहना हैं। इसी वजह से पाकिस्तान की सरकार पुरी ताकत लगाकर इम्रान खान को राजनीतिक नज़रिये से खत्म करने की तैयारी कर रही हैं। इम्रान खान को अपात्र घोषित करके उनके चुनाव में शामिल होने पर रोक लगाने की कोशिश भी इसी साज़िश का हिस्सा है, ऐसा इस पत्रकार का कहना हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हुए इम्रान खान ने इस्लामधर्मी देशों का नेतृत्व कर रहे सौदी अरब और यूएई जैसे देशों को दूर करके तुर्की और इंडोनेशिया की सहायता से नया गुट बनाने की कोशिश की थी। इस वजह से सौदी और सौदी के मित्रदेश इम्रान खान पर नाराज़ होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, वास्तव में इम्रान खान को विदेश नीति की समझ ही ना होने से उनके कार्यकाल में परंपरागत मित्रदेश पाकिस्तान से दूर हुए ते, ऐसी आलोचना विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, इम्रान खान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने शाहबाज शरीफ ने भी पाकिस्तान के मित्रदेशों से सहायता पाने की ज्यादा कामयाबी नहीं हुई हैं, क्यो कि उनकी विदेश एवं आर्थिक नीति स्पष्ट नहीं हैं, ऐसी आलोचना विश्लेषक कर रहे हैं। पाकिस्तान का आर्थिक दिवालिया होने का संकट अधिक तीव्र हो रहा हैं, ऐसा अफसोस इस देश के माध्यम एवं विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

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