आंतर्राष्ट्रीय अदालत के आदेश उल्लंघन करके पाकिस्तान जाधव को फाँसी नहीं देगा : पाकिस्तानी उच्चायुक्त की घोषणा

नयी दिल्ली, दि. २२: आंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को राहत देनेवाले निर्णय की घोषणा की है| लेकिन भारत को जाधव मामले में सता रही चिंता खत्म नहीं हुई है| पाकिस्तान ने अभी भी जाधव को कहाँ पर और किन हालातों में रखा है, इसकी जानकारी उजागर नहीं की है, ऐसा भारत के विदेशमंत्रालय ने कहा था| लेकिन आंतर्राष्ट्रीय अदालत का अंतिम फ़ैसला जब तक नहीं आता, तब तक जाधव को सुनाई गई फाँसी की सज़ा पर अमल नहीं किया जायेगा, ऐसा कहते हुए पाकिस्तान के भारत के उच्चायुक्त अब्दुल बसित ने भारत को भरोसा दिलाने की कोशिश की है|

आंतर्राष्ट्रीय अदालत ने हमारे खिलाफ निर्णय दिया है, लेकिन पाकिस्तान जाधव को सुनाई गई सज़ा पर अमल करेगा, ऐसे दावे पाकिस्तान के नेता कर रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर भारत की चिंता बढ़ी है| लेकिन उच्चायुक्त बसित ने, हमारा देश आंतर्राष्ट्रीय अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कटिबद्ध है, ऐसा स्पष्ट किया है| इस अदालत का अंतिम फ़ैसला जब तक नहीं आता, तबतक जाधव को सुनायी सज़ा पर अमल नहीं किया जायेगा, ऐसा दावा बसित ने किया है| उसी समय, आंतर्राष्ट्रीय अदालत ने जाधव की सज़ा को दी स्थगिती, यह अस्थायी रूप का आदेश होकर, आख़िरी फ़ैसला पाकिस्तान के पक्ष में आयेगा, ऐसा विश्‍वास बसित ने व्यक्त किया|

साथ ही, जाधव को क़ानूनी सहायता देने के बारे में आंतर्राष्ट्रीय अदालत ने स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा है, ऐसा भी उच्चायुक्त बसित ने कहा है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताझ अझिज ने भी यह दावा किया था| लेकिन आंतर्राष्ट्रीय अदालत ने अपने अंतरिम फैसले में, जाधव को क़ानूनी सहायता देने का हक भारत को है, ऐसा कहते हुए, भारत के इस हक को नकारनेवाले पाकिस्तान के कान ऐंठे थे| इसके बावजूद भी पाकिस्तान, जाधव को क़ानूनी सहायता मुहैया करने की अनुमति भारत को नहीं देगा, ऐसा स्पष्ट हो रहा है| पाकिस्तान ने भारत को यह अनुमति नकारकर अपने ही पैरो पर पथ्थर मारा है, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के ही कुछ प्रतिष्ठीत वकीलों की ओर से की जा रही है| इसी वजह से, जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत का समर्थन किया है, ऐसा इन वकीलों का कहना है|

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