पाक़िस्तान को जम्मू-कश्मीर हिंसा के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे : केंद्रीय गृहमंत्री की चेतावनी

नवी दिल्ली, दि. २१ (पीटीआय) –  जम्मू-कश्मीर में ४४ दिन बाद भी तनाव कायम है और अनंतनाग समेत पंपोर ज़िले में अब भी कर्फ्यू बरक़रार है| इस राज्य में जारी हिंसाचार के कारण इंधन की सप्लाई भी रोकी गई है| इन हालातों पर गंभीरतापूर्वक ग़ौर करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने, जम्मू-कश्मीर हिंसाचार के लिए पाक़िस्तान ज़िम्मेदार है, ऐसा इल्ज़ाम लगाया है| यदि पाक़िस्तान ने ये कारनामें बंद नहीं किये, तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं, ऐसी खरी खरी उन्होंने पाक़िस्तान को सुनायी है| साथ ही, जम्मू-कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थरों के बजाय पेन, लॅपटॉप होने चाहिए, ऐसा कहते हुए राजनाथ सिंह ने, यहाँ के युवाओं को रोजगार मिले, यह हम देखना चाहते हैं, ऐसा स्पष्ट किया|

जम्मू-कश्मीरजम्मू-कश्मीर के कुछ ज़िलों में अब भी तनाव बरकरार है| ऐसे हालातों में, नियंत्रणरेखा से घुसपैंठ की कोशिश करनेवाले तीन आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है| इन आतंकवादियों के पास से बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए गए हैं, ऐसा उन्होंने कहा| जम्मू-कश्मीर में जारी इस हिंसाचार के पीछे पाक़िस्तान का हाथ है, ऐसा इल्ज़ाम लगाकर केंद्रीय गृहमंत्री ने शनिवार को पाक़िस्तान की अच्छीख़ासी ख़बर ली| भारत एक हद तक ही संयम बरत सकता है, ऐसा कहते हुए, पाक़िस्तान ने अब भारत के खिलाफ़ कारनामे नहीं रोकें, तो उसके गंभीर नतीजे पाक़िस्तान को भुगतने पड़ सकते हैं, ऐसी चेतावनी राजनाथ सिंह ने दी| भारतीय समाज में धर्म के नाम पर दरार पैदा करने की साज़िश ब्रिटिशों ने रची थी| उसी तरह, पाक़िस्तान इस राज्य में दरार पैदा करने का काम कर रहा है, ऐसा इल्ज़ाम केंद्रीय गृहमंत्री ने लगाया|

पाक़िस्तान की यह साज़िश कभी भी सफल नहीं होगी, ऐसा कहते हुए राजनाथ सिंग ने, भारतीय एकता को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता, ऐसा भरोसा जताया|

साथ ही, कश्मीरी युवकों को आवाहन करते हुए राजनाथ सिंह ने हिंसा का मार्ग छोड़ने का संदेश दिया| युवाओं के हाथ में पत्थर नहीं, बल्की पेन और लॅपटॉन होना चाहिए| युवाओं को रोजगार मिलें, यह हम देखना चाहते है| हिंसा से किसी भी समस्या का हल नहीं मिल सकता, यह कश्मीरी युवाओं ने ध्यान में रखना चाहिए, ऐसा गृहमंत्री ने कहा| इसी दौरान केंद्रीय अर्थमंत्री अरुण जेटली ने भी, पाक़िस्तान ने भारत के खिलाफ ख़ुफ़िया जंग छेड़ी है, ऐसा दावा किया है| सन १९९० के बाद, भारत के साथ जंग छेडकर हम जीत नहीं सकते, इसका एहसास पाक़िस्तान को हुआ है| उसके बाद पाक़िस्तान ने, भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की नीति अपनायी है, ऐसी तीख़ी आलोचना अर्थमंत्री जेटली ने की| जम्मू-कश्मीर की हिंसा के पीछे भी पाक़िस्तान की साज़िश है, ऐसा जेटली ने कहा| इसीके साथ, सुरक्षाबलों पर पत्थर फ़ेंकनेवाले जम्मू-कश्मीर के युवा यानी सत्याग्रही नहीं है, ऐसा कहते हुए, इन युवाओं के प्रति हमदर्दी जतानेवालों की भी जेटली ने अच्छीख़ासी ख़बर ली| किसी भी हालात में भारत अपनी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा, ऐसा जेटली ने डटकर कहा|

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