‘भारत और सिंगापूर का युद्धाभ्यास चीन को उक़सानेवाला’ : चिनी विशेषज्ज्ञों का इल्ज़ाम

बीजिंग, दि. २२: ‘भारत ने ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के विवाद में तटस्थ रहने का आश्वासन दिया था| लेकिन भारत ने इस आश्वासन का पालन नहीं नहीं किया| साऊथ चायना सी क्षेत्र में सिंगापूर की नौसेना के साथ भारत का युद्धाभ्यास शुरू हुआ होकर, इसके द्वारा भारत चीन को उक़सा रहा है, ऐसा इल्ज़ाम चिनी विशेषज्ज्ञों ने लगाया है| इतना ही नहीं, बल्कि भारत और जापान मिलकर विकसित कर रहा ‘फ्रिडम कॉरिडॉर’ यह चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना के खिलाफ है’ ऐसा दावा चिनी विशेष्जज्ञों ने किया है|

भारत और सिंगापूर

पिछले गुरुवार से भारत और सिंगापूर की नौसेना में ‘सिंबेक्स-सिंगापूर इंडिया मेरिटाईम बायलॅटरल एक्ससाईझ’ युद्धाभ्यास शुरु हुआ है| इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना के ‘आयएनएस शिवालिक’, ‘आयएनएस सह्याद्री’, ‘आयएनएस ज्योती’ तथा ‘आयएनएस कामोर्टा’ युद्धपोत और पनडुब्बीभेदक विमान ‘पी८-आय’ शामिल हुए हैं| सात दिन चलनेवाले इस युद्धाभ्यास में पनडुब्बीविरोधी युद्धतकनीकी का प्रमुख तौर पर समावेश होगा| चीन की नौसेना में अधिक पनडुब्बियाँ होकर, इस कारण यह युद्धाभ्यास चीन को उक़सानेवाला है, ऐसा दावा ‘सांग झोंगपिंग’ इस चिनी विशेषज्ज्ञ ने किया| चीन की पनडुब्बियाँ हिंद महासागर में विचरण करती हैं, जिससे भारत को खतरा है, ऐसा भारत का कहना है| इस कारण, चीन को झटका देने के लिए भारत ने सिंगापूर के साथ साऊथ चायना सी क्षेत्र में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया, ऐसे झोंगपिंग का कहना है|

चीन के विदेशमंत्रालय की प्रवक्त्या हुआ चुनयिंग ने तीन दिन पहले, ‘इस युद्धाभ्यास पर चीन को ऐतराज़ नहीं है’ ऐसा दावा किया था| जब तक यह युद्धाभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को धक्का नहीं लगाता और चीन के हितसंबंध के खिलाफ नहीं है, तब तक चीन इसका विरोध नहीं करेगा, ऐसा चुनयिंग ने कहा था| लेकिन चीन का सरकारी अख़बार रहे ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने प्रकाशित किये ‘सांग झोंगपिंग’ के लेख में इस युद्धाभ्यास पर चिंता जतायी गयी है| ‘साऊथ चायना सी क्षेत्र के विवाद में भारत किसी भा समर्थन न करते हुए तटस्थ रहेगा, ऐसा इससे पहले ही भारत ने जाहीर किया था| लेकिन भारत ने दिये हुए इस आश्वासन का पालन नहीं किया, यह सिंगापूर के साथ शुरू युद्धाभ्यास से स्पष्ट होता है’ ऐसा दावा ‘सांग झोंगपिंग’ ने इस लेख में किया है|

भारत और जापान एशिया प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका महाद्वीप को जोड़ने के लिए विकसित कर रहा ‘फ्रिडम कॉरिडॉर’ यह चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना को विरोध करने के लिए है, ऐसा दावा ‘सांग झोंगपिंग’ ने किया| वहीं, चीन के विशेषज्ज्ञ ‘क्विआन फेंग’ ने, ‘साऊथ चायना सी के विवाद के कारण आसियान के सदस्यदेशों के साथ चीन के बिगड़े हुए संबंधो का भारत पूरी तरह से लाभ उठायेगा’ ऐसा निष्कर्ष जताया गया| भारत आसियान के सदस्य देशों के साथ अच्छे संबंध विकसित करते हुए चीन को मात देने की कोशिश कर रहा है| उसी समय, जापान के सहयोग से भारत ईरान का छाबर, श्रीलंका का त्रिन्कोमाली और थायलंड-म्यानमार सीमारेषा पर का दावेई, ये बंदरगाह विकसित कर रहा है, इसपर ग़ौर फ़रमाते हुए ‘क्किआन फेंग’ ने इन संदर्भ में चीन की चिंताएँ ज़ाहिर कीं हैं|

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