‘एफएटीएफ’ के सामने खुलासा करने पाकिस्तान का शिष्टमंडल ऑस्ट्रेलिया में

इस्लामाबाद – पाकिस्तान का लगभग १२ सदस्यों का शिष्टमंडल ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर रहा है| ‘फायनॅन्शिअल ऍक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बैठक में यह शिष्टमंडल पाकिस्तान का पक्ष रखेगा| आतंकियों पर कार्रवाई करने में असफल हुए पाकिस्तान का समावेश ‘एफएटीएफ’ की ‘ग्रे लिस्ट’ में किया गया था| आतंकियों पर कडी कार्रवाई करने की अपेक्षा पूरी नही की तो, पाकिस्तान का समावेश ‘एफएटीएफ’ की ‘ब्लैक लिस्ट’ में किया जाएगा| ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को किसी भी अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था से कर्ज प्राप्त नही होगा और नए आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना होगा|

पाकिस्तान की विदेशी पुंजी में सिर्फ ८.४ अरब डॉलर्स जमा है| यही परिस्थिति रही तो अगले कुछ हफ्तों में ही पाकिस्तान ईंधन से लेकर अन्य कोई भी जरूरी चीजें आयात करने के पैसे चुका नही पाएगा| पहले की कर्ज के निचे दबे हुए पाकिस्तान को इस कर्ज की किश्ते भी चुकानी है| इस परिस्थिति में कुछ अरब मित्र देश पाकिस्तान के सामने दोस्ती का हाथ आगे कर रहे है| सउदी अरेबिया ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर्स का अर्थ सहाय्य करने का ऐलान किया है और इसमें से कुछ राशि पाकिस्तान को प्राप्त भी हुई है| संयुक्त अरब अमिराती के प्रिन्स झायद अली नह्यान रविवार के दिन पाकिस्तान पहुंच रहे है और वह ६.२ अरब डॉलर्स की अर्थ सहायता देने का ऐलान करना अपेक्षित है| यह सहायता प्राप्त करने के बाद भी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की आर्थिक सहायता की जरूरत रहेगी, यह अर्थ शास्त्रीयों का कहना है|

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वैश्‍विक बैंक से कम दरों से बडे रकम का कर्ज प्राप्त नही हुआ तो पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर समस्या खडी होगी| मित्र देशों की सहायता से पाकिस्तान केवल आज का मरण कल तक ढकेल सकता है| लेकिन अर्थव्यवस्था संभालने के लिए मुद्रा कोष और वैश्‍विक बैंक की सहायता अत्यंत जरूरी है, यह चेतावनी पाकिस्तान के अर्थ शास्त्री दे रहे है| इस परिस्थिति में ‘एफएटीएफ’ को उचित खुलासा देकर आतंकियों पर कडी कार्रवाई कर रहे है, यह पाकिस्तान को सिद्ध करना होगा| इस में असफलता प्राप्त हुई तो पाकिस्तान को मुद्रा कोष और अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं से कर्ज सहायता प्राप्त नही कर सकेगा|

आतंकी संगठनों पर कडी कार्रवाई करने में, खास तौर पर उनकी आर्थिक नाकाबंदी करने में पाकिस्तान ने टालमटोल की है, यह आरोप ‘एफएटीएफ’ ने किया था| ‘एफएटीएफ’ के प्रतिनिधी ने पाकिस्तान जाकर इस बारे में जांच की थी| लेकिन उन्होंने भी पाकिस्तान की इस छोर पर हो रही कार्रवाई निराशा करती है, यह रपट रखी थी| इस वजह से पाकिस्तान की चुनौती और भी कठिन हुई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ और अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों के बाद भी आतंकी संगठनों के नेता पाकिस्तान में आजादी से घुम रहे है| उन पर किसी स्वरूप की कार्रवाई की नही जा रही| आतंक संगठनों के बैंक खाता बंद करने का निर्णय पाकिस्तान सरकार करती है| लेकिन इस निर्णय के पहले ही आतंकी संगठन खाते में जमा बडी रकम निकाल लेते है और नए नाम से सक्रिय होते है, यह आज तक का तजुर्बा रहा है| इस ओर ध्यान आकर्षित करके आतंकियों के विरोध में कार्रवाई करने के मुद्दे पर ‘एफएटीएफ’ पाकिस्तान को कटघरे में खडा करता दिखाई दे रहा है|

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