भारत की वजह से पाकिस्तान ‘ब्लैक लिस्ट’ होगा

इस्लामाबाद – आतंकवादियों को पैसे प्रदान करनेवालों पर नजर रखकर कार्रवाई करने वाले ‘फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने निशाने पर पकड़े हुए पाकिस्तान को अब डर लगने लगा है| एफएटीएफ के पथक ने हालही में पाकिस्तान का दौरा किया था| आज भी पाकिस्तान आतंकवादियों को पैसे प्रदान करनेवालों पर समाधानजनक कार्यवाही नहीं कर रहा है, ऐसी टिप्पणी इस पथक ने लगाई है| उसके बाद फिलहाल एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में होनेवाला पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में जाने की गहरी आशंका है| इसके लिए भारत अपना प्रभाव इस्तेमाल करने का आरोप पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने किया है| तथा भारत ने यदि वर्षभर के लिए भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने में सफलता प्राप्त की तो उसकी वजह से पाकिस्तान का १० अरब डॉलर्स का नुकसान हो सकता है, ऐसी चिंता विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने व्यक्त की है|

कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के वित्तमंत्री असद उमर ने भारत को एफएटीएफ से दूर करने की मांग की थी| भारत, पाकिस्तान का द्वेष करता है और एफएटीएफ पर अपने प्रभाव का राजनैतिक उपयोग कर रहा है, यह बात उमर ने सूचित की थी| उसके बाद पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्रसंघ में राजदूत मलीहा लोधी ने भी एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय संघटना का राजनैतिक उपयोग ना हो, ऐसी मांग की थी| अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत की वजह से अपना देश एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट में जाएगा, यह डर व्यक्त किया है| पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट नहीं हुआ और वर्षभर के लिए ग्रे लिस्ट में रहा तो उससे पाकिस्तान को लगभग १० अरब डॉलर्स का नुकसान होगा, ऐसा विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा है|

ऐसे में ही अपना प्रभाव का उपयोग करके भारत पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर सकता है, ऐसा कहकर विदेश मंत्री कुरैशी ने पाकिस्तानी जनता को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए कदम उठाए है, यह बात दिखाई दे रही है| पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट हुआ तो जागतिक बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कम ब्याज दरों से मिलनेवाली वित्त सहायता पूर्ण रूप से रोकी जाएगी| साथ ही पाकिस्तान के अन्य देशों के साथ वित्त व्यवहार भी इसकी वजह से रोके जा सकते हैं| इससे पहले से डूबती वित्त व्यवस्था में फंसे पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था के लिए यह बहुत बड़ा संकट हो सकता है| डॉलर की तुलना में पाकिस्तान का रुपया १४० तक गिरा है, आनेवाले महीने में इस रुपए का मूल्य १८० पर जाएगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं|

इस गिरावट की आशंका की वजह से पाकिस्तान में आर्थिक अस्थिरता फैलने लगी है और महंगाई का भड़का उड़ा है| आनेवाले समय में इससे भी कठिन समस्याओं से पाकिस्तान को जूझना होगा ऐसी चेतावनी वित्ततज्ञ दे रहे हैं| ऐसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री इम्रान खान से देश को बाहर निकालने की अपेक्षा थी| पर राजनैतिक, आर्थिक एवं विदेश धारणा इन सभी अग्रणी पर इम्रान खान की सरकार असफल होती दिखाई दे रही है| आतंकवादियों पर कठोर कार्रवाई की गवाही देनेवाले इम्रान खान की सरकार वास्तव में आतंकवादियों का समर्थन कर रही है| जिससे पाकिस्तान का भविष्य दांव पर लगता दिखाई दे रहा हैं|

इसपर गंभीरता से ध्यान देते हुए एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर कड़ी आलोचना की है| आनेवाले समय में इसके विघातक परिणाम पाकिस्तान को सहने पड सकते हैं| विश्‍लेषकों ने दिए चेतावनी की तरफ इम्रान खान की सरकार ने पूर्ण रूप से नजरअंदाज किया है| अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब भारत पर आरोप करके पाकिस्तान पर हो रही एफएटीएफ की कार्रवाई के पीछे भारत होने का आरोप कर रही है|

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