चीन तथा पाकिस्तान के रक्षाबलों पर भारत में से साइबर हमले – चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ का दावा

बीजिंग/नई दिल्ली – भारत स्थित हैकर्स का गुट चीन तथा पाकिस्तान के रक्षाबल तथा सरकारी यंत्रणाओं पर साइबर हमले कर रहा होने का दावा चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया। चीन से जुड़े हैकर्स के गुटों का इस्तेमाल करके, भारत को ही साइबर हमलों का लक्ष्य करनेवाले चीन द्वारा भारत पर ऐसे आरोप किए जाना, यह बात हास्यास्पद साबित होती है। लद्दाख की गलवान वैली के संघर्ष के बाद चीन ने भारत पर साइबर हमलों की तीव्रता भारी मात्रा में बढ़ाई थी। इस संदर्भ में भारत के आरोपों की तीव्रता बढ़ने से पहले ही चीन, भारत के विरोध में होहल्ला मचाकर अपने बचाव का प्रावधान करता दिख रहा है।

‘ग्लोबल टाईम्स’चीन की साइबर सुरक्षा कंपनी ‘अंतिय लॅब्स’ ने साइबर हमलों की रिपोर्ट जारी की है, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने अपने लेख में कहा है। भारत से हमले करनेवाले गुट का नाम ‘यु शिआंग’ बताया गया होकर, पिछले चार सालों से यह गुट साइबर हमले कर रहा है, ऐसा दावा किया गया है। इस साल की शुरुआत से ही हैकर्स के गुट ने चिनी यंत्रणाओं पर साइबर हमले शुरू किए, ऐसा बताया गया है। नेपाली लष्कर से संबंधित मेलिंग लिस्ट का इस्तेमाल यह गुट कर रहा है, ऐसा ग्लोबल टाईम्स ने कहा है।

इसी बीच, साइबर हमले तथा साइबर क्षेत्र की अन्य विघातक हरकतों के लिए चीन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत पहले से ही बदनाम है। अमरीका, ब्रिटेन समेत अन्य युरोपीय देशों पर चीन में से साइबर हमले होने की बात समय-समय पर सामने आई थी। इसकी गंभीर दखल अमरीका को लेनी पड़ी और अमरीका ने, अपने विरोध में किया साइबर हमला यानी अपने देश पर होनेवाला हमला ही है, ऐसा घोषित करके उसके लिए क़ानून ही पारित किया था। चीन ने अपने प्रतिस्पर्धी देशों को लक्ष्य करने के लिए साइबर आर्मी यानी साइबर हमलावरों की फौज ही तैयार की है। लेकिन उसका अपने साथ संबंध ना जुड़ें, इसके एहतियात चीन द्वारा बरते जाते हैं। इसके बावजूद भी चीन के ये कारनामे दुनिया से छिपे नहीं हैं।

आनेवाले समय में चीन साइबर क्षेत्र का लष्करीकरण करने की ज़ोरदार तैयारी कर रहा होने के आरोप हो रहे हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षाबलप्रमुख, लष्करप्रमुख लगातार साइबर क्षेत्र की सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित कर रहे हैं। भारत की साइबर सुरक्षा को चीन से ख़तरा होने के ठेंठ आरोप हालाँकि किए नहीं जा रहे हैं, फिर भी भारत का लष्करी नेतृत्व, इस क्षेत्र में चीन ने की प्रगति पर लगातार गौर फरमाता आया है।

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