अफ़गानी लष्कर के साथ हुई मुठभेड़ में पाक़िस्तानी लष्कर के मेजर की मौत

afghan-pak-army-general-ali-changezi-DAWNइस्लामाबाद, दि. १४ (वृत्तसंस्था) – अफ़गानिस्तान एवं पाक़िस्तान के सीमावर्ती इलाक़े में हुई, दोनों देशों के लष्करों की मुठभेड़ में पाक़िस्तानी लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी ‘मेजर अली जावेद चंगेझी’ की मौत हो गयी है। अफ़गानिस्तान पुलीस बल के दो जवान भी पाक़िस्तानी लष्कर की कार्रवाई में धराशायी हो चुके हैं। इस दौरान, दो दिन चल रही इस मुठभेड़ के बाद पाक़िस्तान ने अफ़गानिस्तान के राजदूत को समन भेजा है।

पाक़िस्तान के ‘ख़ैबर-पख़्तूनवाला’ इलाक़े के ‘तोर्ख़ाम’ सीमाभाग में रविवार की रात से तनाव उत्पन्न हुआ है। पाक़िस्तान के लष्कर ने इस सीमारेखा पर फाटक बनाने का काम शुरू करने के बाद दोनों देशों के सैनिकों में संघर्ष की शुरुआत हुई। पाक़िस्तानी लष्कर के इस बांधकाम का अफ़गानी सैनिकों ने विरोध करने के बाद पाक़िस्तानी सैनिकों ने गोलीबारी शुरू की। इस गोलीबारी में अफ़गानिस्तान के दो सैनिकों की मौत हो जाने के बाद यह संघर्ष और भी भड़का था। उस समय अफ़गानी लष्कर ने पाक़िस्तान के लष्कर पर किये हुए हमले में १९ लोग घायल हुए थे, जिनमें ‘मेजर चंगेझी’ का भी समावेश था।

सीमा पर चल रहे इस संघर्ष में ज़ख़्मी हुए ‘चंगेझी’ को पाक़िस्तान के पेशावरस्थित लष्करी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पाक़िस्तान के लष्करप्रमुख जनरल राहिल शरीफ़ खुद मेजर चंगेझी से मिलने रवाना होनेवाले थे। उसके बाद वे तोर्ख़ाम सीमारेखा पर भी जानेवाले थे। लेकिन उससे पहले ही मेजर चंगेझी की मौत हुई होने की ख़बर पाकिस्तान के माध्यमों ने प्रकाशित की। पाक़िस्तान के लष्कर ने इसपर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। अफ़गानिस्तान के लष्कर ने ‘तोर्ख़ाम’ फाटक पर गोलीबारी करके पाक़िस्तानी जवानों को उक़साया, ऐसा पाक़िस्तानी लष्कर ने कहा है।

रविवार की रात से शुरू हुए इस संघर्ष को रोकने का आवाहन अफ़गानिस्तान के कार्यकारी अधिकारी ‘अब्दुल्ला अब्दुल्ला’ ने किया था। दोनों देशों की सीमारेखा पर संघर्षबंदी लागू करने की घोषणा भी अब्दुल्ला ने सोमवार की सुबह की थी। लेकिन उसके बाद भी मंगलवार की सुबह तक दोनों देशों के लष्करों के बीच मुठभेड़ जारी ही रही। इससे दोनों देशों में चल रहा ‘तोर्ख़ाम’ का विवाद भड़क उठा दिखायी दे रहा है।
पिछले कुछ सालों से अफ़गानिस्तान एवं पाक़िस्तान के बीच का सीमारेखा का मसला और भी गंभीर बन गया है। इससे पहले पाक़िस्तान की बलुचिस्तान सीमारेखा पर भी ऐसा ही संघर्ष भड़क उठा था। इस सीमारेखा पर पाक़िस्तानी सेना सुरक्षा चौकी का निर्माण करने की तैयारी में थी, तब अफ़गानी लष्कर ने उसका विरोध किया था। उसके बाद दोनों देशों के लष्करों में लगातार दो दिन तक मुठभेड़ शुरू थी। वहीं, ‘अंगूर अड्डा’ इस वझिरीस्तान की सीमारेखा को लेकर भी दोनों देशों में विवाद निर्माण हुआ है। पाक़िस्तान अफ़गानिस्थान पर ‘ड्युरांड समझौते’ की तरह सीमारेखा थोंपने की कोशिश कर रहा होकर, अफ़गानिस्तान इसपर नये सिरे से चर्चा करने की माँग कर रहा है।
गत कुछ महीनों से अफ़गानिस्तान तथा पाक़िस्तान के संबंधों में तनाव आया है। अफ़गानिस्तान में अस्थिरता निर्माण करनेवाले आतंकवादियों को पाक़िस्तान आश्रय दे रहा होने का आरोप अफ़गानिस्तान कर रहा है। इसमें अफ़गान तालिबान के सरगने से लेकर हक्कानी नेटवर्क इस आतंकवादी संगठनों का समावेश है। लेकिन पाक़िस्तान ने अफ़गानिस्तान के इन सारे आरोपों का खंडन किया है।

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