रिवोल्युशनरी गार्डस् को आतंकियों की सूचि से हटाया गया तो खाड़ी में अराजकता फैलेगी – असंतुष्ट ईरानी गुट का बायडेन प्रशासन को इशारा

वॉशिंग्टन – ‘ईरान की तानाशाही हुकूमत की मॉंगें मंजूर करके बायडेन प्रशासन ने रिवोल्युशनरी गार्डस् को आतंकियों की सूचि से हटाया तो खाड़ी क्षेत्र में आतंकवाद और अराजकता और बढ़ेगी’, ऐसा इशारा अमरीका और यूरोप स्थित ‘एनसीआरआई’ नामक ईरानी गुट ने दिया| परमाणु समझौता करने के लिए बायडेन प्रशासन ने ईरान की इस मॉंग को स्वीकार किया है, ऐसी खबरें पिछले कुछ दिनों से प्रसिद्ध हो रही हैं| रिवोल्युशनरी गार्डस् को ‘डि-लिस्ट’ करने की बायडेन प्रशासन की गतिविधियों पर इस्रायल ने भी आलोचना की थी| लेकिन, इस्रायल और ‘एनसीआरआई’ की शिकायतों का बायडेन प्रशासन ने जवाब नहीं दिया|

रिवोल्युशनरी गार्डस्वियना में ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए पश्‍चिमी देशों की चर्चा अंतिम चरण में होने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी| बायडेन प्रशासन ने यह परमाणु समझौता जल्द ही होगा, यह ऐलान भी किया था| बायडेन प्रशासन ने ईरान की मॉंगों को स्वीकार करने के दावे किए जा रहे थे| अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान ईरान पर लगाए गए सख्त प्रतिबंध हटाने की तैयारी बायडेन प्रशासन ने की है| साथ ही ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस् को आतंकियों की सूचि से हटाने की बात बायडेन प्रशासन ने स्वीकारी थी| वियना में चर्चा के लिए नियुक्त किए गए अमरीका के विशेषदूत रॉबर्ट मैली ने इस दिशा में गतिविधियॉं करने की खबरें प्राप्त हुईं थी|

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका और यूरोप में स्थित नैशनल काऊन्सिल ऑफ रेज़िस्टन्स ऑफ ईरान’ (एनसीआरआई) नामक ईरानी गुट ने अपनी आपत्ति दर्ज़ की| ईरान की आयातुल्ला खामेनी की हुकूमत एवं परमाणु कार्यक्रम के तीव्र विरोस्धि एवं लोकतंत्र के समर्थक के तौर पर ‘एनसीआरआई’ की पहचान है| इस खामेनी विरोधि गुट ने दो दिन पहले एक निवेदन जारी किया| इसमें ‘फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन’ (एफटीओ) यानी विदेशी आतंकी संगठनों की सूचि से ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस् का नाम ना हटाएँ, यह मॉंग ‘इनसीआरआई’ ने बायडेन प्रशासन से की है| ऐसा करने से खाड़ी क्षेत्र में रिवोल्युशनरी गार्डस् से संबंधित आतंकवाद बढ़ेगा और अराजकता निर्माण होगी, ऐसा इशारा इस गुट ने दिया है|

रिवोल्युशनरी गार्डस्‘एनसीआरआई’ ने तैयार की हुई रपट में रिवोल्युशनरी गार्डस् से जुडे आतंकी संगठन अफ़गानिस्तान, सीरिया, इराक और येमन में अस्थिरता फैलाने में जुटे होने की याद दिलाई गई है| साथ ही गाज़ापट्टी के आतंकी संगठन ‘हमास’ को भी ईरान ही आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है, यह आरोप ‘एनसीआरआई’ ने अपनी रपट में लगाया है| ऐसी स्थिति में बायडेन प्रशासन ने रिवोल्युशनरी गार्डस् को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाया तो इसका सीधा असर इस क्षेत्र की सुरक्षा पर होगा, यह इशारा ‘एनसीआरआई’ ने दिया| साथ ही पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का रिवोल्युशनरी गार्डस् को आतंकियों की सूचि में शामिल करने का निर्णय उचित ही था, ऐसा इस ईरानी गुट ने कहा है|

कुछ दिन पहले इस्रायल के विदेशमंत्री येर लैपिड ने भी बायडेन प्रशासन को रिवोल्युशनरी गार्डस् के मुद्दे पर इशारा दिया था| आतंकी सं गठनों की सूचि से रिवोल्युशनरी गार्डस् को हटाने का निर्णय काफी गलत और खतरनाक होगा, यह इशारा लैपिड ने दिया था| साथ ही इस्रायल वियना के परमाणु समझौते से किसी भी तरह जुडा नहीं रहेगा, यह इशारा भी लैपिड ने दिया था|

इसी बीच, चार दिन पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की हत्या की साज़िश बनाने की खबर सामने आयी थी| इसमें ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस् के एजेंटस् शामिल होने की बात भी स्पष्ट हुई थी| लेकिन, इसकी जानकारी के बावजूद बायडेन प्रशासन इन एजेंटस् पर कार्रवाई नहीं की थी| ऐसा करने से वियना के परमाणु समझौते के लिए खतरा निर्माण होगा, यह ड़र बायडेन प्रशासन को सता रहा है| इसी कारण परमाणु समझौते को बचाने के लिए बायडेन प्रशासन ईरान विरोधि भूमिका अपनाने के लिए तैयार ना होने का बयान अमरिकी अफसरों ने किया था|

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