पाकिस्तान की सरकारी वेबसाईट ने ‘पीओके’ को भारत का हिस्सा दिखाया; पाकिस्तान में खलबली – भारतीयों का उत्साह ज्वार पर

नई दिल्ली – कोरोनावायरस की महामारी की जानकारी देनेवाली पाकिस्तान की सरकारी वेबसाईट पर प्रकाशित नक़्शे में, ‘पीओके’ यह पाकिस्तान का नहीं, बल्कि भारत का भूभाग है, ऐसा दिखाया गया है। इसके बाद, ‘क्या पीओके यह भारत का भूभाग होने की बात पाकिस्तान ने मान्य की है’ ऐसा प्रश्न पूछकर भारतीय इसपर खुशी ज़ाहिर कर रहे थे। भारतीय माध्यम और सोशल मीडिया में इसकी उत्साहपूर्वक चर्चा हो रही थी; लेकिन पाकिस्तान के माध्यम और पत्रकार अपनी सरकार को कोसते हुए दिखायी दिए। इससे ‘पीओके’ को लेकर पाकिस्तान को प्रतीत होनेवाली असुरक्षितता और बेचैनी फिर एक बार सामने आयी है।

कुछ ही दिन पहले भारत के मौसम विभाग ने ‘पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर’ अर्थात् ‘पीओके’ के हवामान का ब्योरा देने की शुरुआत की थी। ‘पीओके यह पाकिस्तान ने हथिया हुआ भारत का अधिकृत भाग है’ ऐसा कहकर मौसम विभाग ने पीओके के हवामान का ब्योरा देने की शुरुआत की थी। उसके जवाब में पाकिस्तान के मौसम विभाग ने भी श्रीनगर, पुलवामा और लद्दाख के हवामान की जानकारी दी। लेकिन भारत को जवाब देने की धुन में पाकिस्तान ने खुद का ही मज़ाक बना लिया। क्योंकि इन स्थानों का पाकिस्तान द्वारा बताया गया तापमान ग़लत था। उसीमें अब पाकिस्तान की सरकारी वेबसाईट पर, पीओके को भारत का भाग दिखाया गया होने के कारण इस देश के भारतविद्वेषी गुटों का ग़ुस्सा आपे से बाहर हो चुका है।

पाकिस्तान सरकार ने अपने देश की कोरोनावायरस की महामारी की जानकारी देने के लिए एक वेबसाईट बनायी है। इस वेबसाईट पर कोरोना के संक्रमण का विभिन्न भूभागों पर का प्रभाव दिखाने के लिए एक नक़्शा जारी किया गया है। इस नक़्शे में, ‘पीओके’ को भारत का ही भूभाग दिखाया है। यह नक़्शा प्रकाशित होते ही, सोशल मीडिया पर सक्रिय होनेवाले भारतीयों ने सरकार पर तानेबाज़ी और टिप्पणियाँ शुरू कीं। ‘आख़िरकार पीओके यह अपना भूभाग नहीं है, भारत का है, यह पाकिस्तान ने मान्य कर ही लिया। पाकिस्तान की सरकारी वेबसाईट ने पीओके भारत में दिखाकर उसकी स्वीकृति ही दी है’ ऐसा दावा भारतीय माध्यम भी करने लगे। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने जल्दी में इस नक़्शे को इस वेबसाईट से निकाल दिया दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हुई, ऐसा बताकर पाकिस्तानी माध्यमों ने इम्रान सरकार को इसके लिए आड़े हाथ ले लिया।

‘पीओके’ को भारत का भूभाग दिखाकर प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहीं अपनी असफलता तो नहीं मान ली है, ऐसा हताशाभरा सवाल पाकिस्तानी माध्यमों में पाकिस्तानी विश्लेषक कर रहे हैं। कश्मीर मामले में भारत बहुत ही आक्रमक लष्करी और विदेश नीति अपना रहा है। उसके सामने इम्रान खान की सरकार निबाह नहीं कर पा रही है। यह सरकार भारत के सामने असहाय हुई दिख रही है, ऐसा खेद पाकिस्तान के विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं। पाकिस्तान के भारतविद्वेषी विश्लेषकों का गुट भी, भारत की कश्मीर विषयक भूमिका की आलोचना करते समय भी, भारत सरकार की कूटनीति की सराहना कर रहा है। इस कारण प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार की अकार्यक्षमता अधिक ही स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने आ रही होने के तानें ये विश्लेषक मार रहे हैं।

सरकारी वेबसाईट पर हुई इस ग़लती के कारण पाकिस्तान की विफलता अधिक ही बढ़ी दिखायी दे रही है; लेकिन भारतीय उसपर खुशी ज़ाहिर कर रहे हैं और जल्द ही पीओके भी प्रत्यक्ष रूप में देश के साथ जोड़ा जायेगा और उसमें गिलगिट-बाल्टिस्तान का भी समावेश होगा, ऐसा विश्वास जता रहे हैं। कुछ महीने पहले भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने, पीओके पर भारत का प्रत्यक्ष नियंत्रण स्थापित होगा, ऐसा दावा किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने भी, आज नहीं तो कल पीओके भारत में समाविष्ट होगा ही, ऐसा डटकर कहा था। भारत के रक्षादलप्रमुख जनरल बिपीन रावत तथा लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, साथ ही वायुसेनाप्रमुख आर. के. एस. भदौरिया ने, पीओके पर कार्रवाई करने के लिए रक्षादल पूरी तरह तैयारी होने की घोषणा हाल ही में की थी।

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