प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में भारत-अमरीका सहयोग में उभरी बाधाएं हटेगी – अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे की राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन बड़ी प्रतिक्षा कर रहे हैं। इस दौरे में द्विपक्षीय सहयोग के ना की सिर्फ पुख्ता मुद्दे सामने आएंगे। बल्कि, भारत और अमरीका के रक्षा एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के सहयोग में बनी बाधाएं भी हटाने के निर्णय इस दौरे में किए जाएंगे। इस वजह से दोनों देशों के वैज्ञानिक और खोजकर्ताओं का समन्वय बढ़ेगा, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने किया।

मंगलवार को भारत दौरे पर पहुंचे सुलिवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से मुलाकात की। डोवल से हुई मुलाकात के दौरान सुलिवन ने प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे में काफी बड़ी बाते सामने आएगी, यह दावा किया। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे पर काफी उम्मीद से देख रहे हैं। आज तक दोनों देशों के बीच रक्षा एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करने में बनी बाधाएं इस दौरे में हटेगी और यह सहयोग काफी तेज़ी से आगे जाएगा, यह दावा सुलिवन ने इस दौरान किया। इसमें प्रदुषण विरहित स्वच्छ ऊर्जा, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के क्रांतिकारी बदलाव, बायो टेक और क्वांटम प्रौद्योगिकी से जुड़े सहयोग का समावेश होने का दावा सुलिवन ने किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जेक सुलिवन के साथ हुई इस चर्चा की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। प्रधानमंत्री के अगले हफ्ते हो रहे दौरे से अमरीका को काफी बड़ी उम्मीदे होने का अहसास अमरिकी नेता एवं उद्योग क्षेत्र के मान्यवर लगातार करा रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच सभी स्तरों का सहयोग नई ऊंचाई प्राप्त करेगा, यह विश्वास यह सभी व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन, इसका अधिक ब्योरा किसी ने भी बयान नहीं किया है।

भारत और अमरीका की रणनीतिक सहयोग पर सहमति हुई है। दोनों देशों ने सामरिक नज़रिये से अहम समझौते भी किए हैं। फिर भी यह द्विपक्षीय सहयोग अभी तक उम्मीद के अनुसार गति और उंचाई प्राप्त नहीं कर सका है, यह मुद्दा भी दोनों देशों के कुटनीतिक लगातार सामने ला रहे हैं। कुछ मुद्दों पर बने तीव्र मदभेद इसकी प्रमुख वजह होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, बदलती वैश्विक स्थिति में भारत की अहमियत काफी बढ़ी हैं। इसे अमरीका अनदेखा नहीं कर सकती।

अमरीका और यूरोपि के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था नकारात्मक कल दर्शा रही हैं और तभी भारत सबसे अधिक विकास दर के साथ प्रगति कर रहा देश बना है। वैश्विक उत्पाद के लिए आवश्यक सप्लाई चेन विकसित करने की क्षमता भारत रखता है। साथ ही भारत के पास काफी बड़ी ग्राहक शक्ति हैं। इसी बीच चीन जैसा देश विश्व के सामने खड़ी कर रही आर्थिक, सैन्य एवं रणनीतिक स्तर की चुनौतियों पर गौर करें तो भारत का सहयोग काफी अहम होगा, इसका अहसास राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और उनके सहयोगियों को हुआ है। इसी वजह से यूक्रेन युद्ध एवं अन्य मोर्चों पर बने मतभेद दूर रखकर बायडेन ने भारत के सहयोग को विशेष अहमियत देने का निर्णय किया है, ऐसा दा अमरिकी कुटनीतिक कर रहे हैं।

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और उनसे पहले अमरिकी रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने किए भारत दौरे से यही मुद्दा रेखांकित हुआ था। अमरीका भारत की रणनीतिक भागीदारी को सबसे ज्यादा अहमियत दे रही हैं, यही मुद्दा यह सभी ड़टकर बयान कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय कुटनीतिक एवं सामरिक विश्लेषक अभी भी पुरी तरह से व्यापारी रवैया रखने वाली अमरीका से सहयोग करते समय भारत सावधान रहें, यही सलाह दे रहे हैं।

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