यूरोप की सुरक्षा के लिए ‘न्यूक्लियर डिटरन्स’ निर्णायक – जर्मन रक्षामंत्री क्रिस्तिन लैम्बेक्ट का दावा

बर्लिन – यूरोपिय महाद्वीप की सुरक्षा के लिए परमाणु तैनाती निर्णायक है और करीबी दिनों में इसके लिए विकल्प नहीं होगा, ऐसा दावा जर्मनी के रक्षामंत्री क्रिस्तिन लैम्बेक्ट ने किया। पिछले दशक में जर्मन संसद ने देश में मौजूद अमरिकी परमाणु हथियार हटाकर अन्य देशों में भेजने का प्रस्ताव पारित किया था। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री बैम्ब्रेक्ट का बयान अहमियत रखता है।

क्रिस्तिन लैम्बेक्ट‘जर्मन सोसायटी ऑन फॉरेन रिलेशन्स’ नामक अध्ययन मंड़्ल के कार्यक्रम के दौरान रक्षामंत्री लैम्ब्रेक्ट ने यूरोप में मौजूद परमाणु हथियारों से संबंधित भूमिका रखी। ‘अमरीका ने यूरोप में तैनात किए परमाणु हथियार इस महाद्वीप को ब्लैकमेल होने से दूर रखनेवाला घट हैं। करीबी दिनों में इसका विकल्प नहीं होगा। इस वजह से यूरोपिय देशों को हर हाल में परमाणु तैनाती बरकरार रखनी पडेगी। इसके लिए अमरीका और नाटो से सहयोग करना पडेगा’, ऐसी चेतावनी जर्मन रक्षामंत्री ने दी।

नाटो के‘न्यूक्लियर अम्ब्रेला’ को सभी देशों को समर्थन एवं सहायता करनी पडेगी, ऐसी गुहार भी उन्होंने लगायी। जर्मनी ने हाल ही में अमरीका से परमाणु तैनाती की क्षमता वाले लड़ाकू ‘एफ-३५’ विमान खरीदने का निर्णय किया है, इस ओर रक्षामंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। अमरीका ने यूरोपिय देशों में तकरीबन १८० परमाणु हथियारों की तैनाती की है और इनमें से २० हथियार जर्मनी के रक्षा ठिकाने पर रखे गए हैं। जर्मनी के अलावा ब्रिटेन, इटली, नेदरलैण्डस्‌, बेल्जियम एवं तुर्की के अड्डे पर भी अमरिकी परमाणु हथियार तैनात हैं।

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