आर्मेनिया-अज़रबैजान के बीच संघर्ष में कम से कम २०० ढ़ेर – अज़रबैजान के रशियन सुरक्षा यंत्रणा के अड्डे पर मिसाइल हमले

येरेवान/मास्को – पिछले चौबीस घंटों से आर्मेनिया और अज़रबैजान के संघर्ष में कम से कम २०० सैनिक मारे गए। मंगलवार की रात अज़रबैजान की सेना ने आर्मेनिया में स्थित रशियन सुरक्षा यंत्रणा के ठिकाने पर मिसाइल हमले करने की सामने आ रही जानकारी ध्यान आकर्षित कर रही है। रशिया ने इस पर अभी बयान नहीं किया है। लेकिन, रशिया प्रायोजित सैन्य गुट आर्मेनिया की ओर बढने की बात रशियन माध्यम कह रहे हैं। रशिया, अमरीका और यूरोपिय देशों के समावेश वाली ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी ऐण्ड को-ऑपरेशन इन यूरोप’ (ओएससीई) गुट के अधिकारी भी आर्मेनिया पहुंचे हैं।

सोमवार देर रात से आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच शुरू हुआ संघर्ष तीव्र होता जा रहा है। पिछले चौबीस घंटों में आर्मेनिया और अज़रबैजान की सीमा तक सीमित यह संघर्ष अब विवादित नागोर्नो-काराबाख में भी हो रहा है। आर्मेनियन सेना ने इन हमलों के जवाब में कार्रवाई करने से अज़रबैजान के कम से कम ५० सैनिकों के मारे जाने का दावा ऑर्मेनिया की सरकार ने किया। इसी दौरान हमारी सेना ने जवाबी कार्रवाई करने से आर्मेनिया के डेढ़ सौ से अधिक सैनिकों के मारे जाने की बात अज़रबैजान के माध्यम कह रहे हैं। दोनों देशों के इन दावों की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।

लेकिन, आर्मेनिया की वृत्तसंस्था ने बुधवार को फोटोग्राफ के साथ चौंकानेवाली जानकारी साझा की। अज़रबैजान की सेना ने मंगलवार रात को आर्मेनिया के घेघारकुनिक प्रांत में मिसाइल हमला किया और इससे वहां की रशियन सुरक्षा यंत्रणा को लक्ष्य किया गया। इस अड्डे पर रशियन गुप्तचर यंत्रणा ‘फेडरल सर्विस ब्युरो’ (एफएसबी) एवं रशियन सैनिक तैनात थे। अज़रबैजान के मिसाइल हमले की सही समय पर जानकारी मिलने की वजह से रशियन सैनिकों ने इस अड्डे को खाली किया। लेकिन, इस हमले में रशियन अड्डा, वाहन और कुछ हथियारों का भारी नुकसान होने का दावा इस वृत्तसंस्था ने किया।

अज़रबैजान ने आर्मेनियन वृत्तसंस्था के इन आरोपों को खारिज किया। लेकिन, घेघारकुनिक के ‘एफएशबी’ के बैरेक्स एवं वाहनों को इस हमले से हुए नुकसान के फोटो प्रसिद्ध होने के बाद अज़रबैजान काफी बड़े ड़र के साए में है। रशिया को यूक्रेन युद्ध में व्यस्त देखकर अज़रबैजान ने मार्च में ही नागोर्नो-काराबाख में फारूख क्षेत्र पर कब्ज़ा करके आर्मेनिया पर हमले शुरू किए थे। अगस्त से अज़रबैजान ने आर्मेनिया पर हमले तीव्र किए हैं, इस पर अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

अज़रबैजान ने आर्मेनिया के सैन्य ठिकाने पर किए मिसाइल हमलों पर रशिया ने अभी बयान दर्ज नहीं किया है। लेकिन, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने तुरंत ‘कलेक्टिव सिक्युटि ट्रिटी ऑर्गनाइजेशन’ (सीएसटीओ) नामक सैन्य संगठन की बैठक बुलाई। नाटो की तरह इस सैन्य संगठन में भी सदस्य देश पर किया गया हमला हम पर हमला किया गया, ऐसा मानकर युद्ध का ऐलान किया जा सकता है और आर्मेनिया इस संगठन का सदस्य देश है। मंगलवार की बैठक के बाद रशिया के प्रभाव वाले इस सैन्य गुट के अधिकारी आर्मेनिया के लिए रवाना हुए हैं।

इसी बीच अज़रबैजन ने आर्मेनिया पर किए हमलों पर तुर्की, पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त हो रहा है। अज़रबैजान के इन हमलों के खिलाफ अन्य देश भी इनके साथ मिल रहे हैं। भारत ने सीधे ज़िक्र किए बिना हमलावर देश तुरंत युद्धविराम करें, यह आवाहन किया। अमरीका, फ्रान्स ने सीधे शब्दों में अज़रबैजान को आर्मेनिया पर हमलें रोकने की हिदायत दी है।

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