आर्क्टिक क्षेत्र में शुरू हो रहे रशियन युद्धाभ्यास पर नॉर्वे चिंता में

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमॉस्को/ऑस्लो – ‘दिनोंदिन रशिया अधिक आक्रमक हो रही है और उसने नॉर्वे की सीमा के पास बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं| रशिया का यह युद्धाभ्यास हमारे लिए चिंता का विषय होते हुए उस पर अच्छी तरह से ध्यान दिया जाएगा’, ऐसे शब्दों में नॉर्वे के सुरक्षा मंत्री फ्रँक बेक-जेन्सन ने रशिया से शुरू होने वाले इस युद्धाभ्यास पर गंभीर चिंता व्यक्त की हैं| रशिया अगले सप्ताह में ‘नॉर्वेजियन सी’ के क्षेत्र में व्यापक नौसेना और हवाई युद्धाभ्यास शुरू करने की तैयारी में हैं| इसमें उन्नत विध्वंसक और पनडुब्बियों के साथ ‘लाईव्ह फायर’ भी होगा|

रशिया के ‘नॉर्दन फीट’ द्वारा अगले सप्ताह में इस युद्धाभ्यास का आयोजन होगा| इसमें रशिया की परमाणु पनडुब्बी, विध्वंसक और लड़ाकू विमान शामिल होंगे| इस युद्धाभ्यास में ‘एंटी ऐअर’, ’एंटी-शिप’ कार्रवाईयां तथा मिसाइल परीक्षण भी होगा, ऐसा बताया जाता हैं| यह युद्धाभ्यास ‘नॉर्वेजियन सी’ में होगा और यह इलाका नॉर्वे की मुख्य भूमि से नजदीक हैं| ऐसे क्षेत्र में रशिया द्वारा किए मिसाइल परीक्षण से ‘लाईव्ह फायर एक्सरसाईज’ का आयोजन करना नॉर्वे के लिए ख़तरे का इशारा माना जाता हैं|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रशिया के साथ ‘आईएनएफ’ समझौते से बाहर निकलने की अधिकृत घोषणा करने के बाद रशिया से पहली बार ही बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया जा रहा हैं| इस के लिए नाटो सदस्य देशों के नजदीकी क्षेत्र चुनकर रशिया अमरिका के साथ नाटो को भी खुली चुनौती देने का प्रयत्न कर रहा हैं, ऐसा दावा विशेषज्ञों से किया जा रहा हैं| नॉर्वे यह नाटो का सदस्य देश होते हुए भी रशिया के साथ उसके घनिष्ठ संबंध होने का माना जाता हैं|

वर्ष २०१४ में रशिया ने यूक्रेन पर किए आक्रमण के बाद यह संबंध तनावपूर्ण होने के कारण नॉर्वे ने रशिया के बारे में अधिक सावधानी बरतना शुरू किया हैं| नॉर्वे सरकार ने अमरिका के साथ अन्य नाटो सदस्य देशों को अपने क्षेत्र में युद्धाभ्यास के लिए निमंत्रित करने को शुरुआत करते हुए तैनाती बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया हैं| उसी समय रशिया की सीमा से केवल ३५ किलोमीटर की दूरी पर होने वाले नॉर्वे ने अमरिका से मिले उन्नत राडार सिस्टम तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी हैं| यही यंत्रणा रशिया के नाराजगी का कारण होने की बात समझी जाती हैं|

पिछले पांच महीनों में रशिया ने नॉर्वे के पास के क्षेत्र में लगातार लष्करी युद्धाभ्यास और मिसाइल परीक्षण शुरू किया हैं| लेकिन यह नया युद्धाभ्यास नॉर्वे की सीमा से काफी नजदीक होते हुए पहले के युद्धाभ्यास से इसकी व्याप्ति काफी बड़ी हैं| साथ ही इसमें ‘लाईव्ह फायर’ होने से उसकी गंभीरता अधिक बढ़ी हैं| यह युद्धाभ्यास शुरू होने से पहले रशिया के ‘नॉर्दन फ्लीट’ ने नॉर्वे से केवल ७० किलोमीटर की दूरी पर ‘बाल कोस्टल मिसाइल सिस्टम’ तैनात करने की घोषणा की हैं| इस यंत्रणा में ‘केएच-३५ टर्बोजेट सुपरसोनिक क्रूझ एंटी शिप’ मिसाइलों का उपयोग किया गया है|

नॉर्वे की सीमा के पास मिसाइल यंत्रणा तैनात करके युद्धाभ्यास करने के कारण रशिया और ‘नाटो’ के बीच का तनाव फिर से पेचीदा होने के संकेत मिल रहे हैं|

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