रशियन रक्षा दलों ने एक ही समय पर किया ‘ब्लैक सी’, ‘बाल्टिक’ एवं ‘आर्क्टिक’ क्षेत्र में युद्धाभ्यास

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमॉस्को – ‘आईएनएफ ट्रिटी’ से पीछे हटने के बाद अमरिका ने किया मिसाइल परीक्षण और फ्रान्स में शुरू ‘जी-७’ की बैठक की पृष्ठभूमि पर रशियन रक्षादलों ने व्यापक युद्धाभ्यास किया है| रशिया के ‘सदर्न मिनिटरी डिस्ट्रिक्ट’, ‘सेंट्रल मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट’, ‘बाल्टिक सी फ्लीट’ एवं आर्क्टिक क्षेत्र में एक ही समय पर युद्धाभ्यास की शुरूआत की गई| इन युद्धाभ्यास में १० हजार से भी अधिक सैनिकों समेत करीबन ३० युद्धपोत, १०० लडाकू विमान और हेलिकाप्टर्स एवं सैकडों टैंक तैनात किए गए है|

फिलहाल अमरिका और रशिया के बीच ‘आईएनएफ ट्रिटी’ के मुद्दे पर बडा तनाव है| अमरिका और रशिया ने वर्ष १९८७ में किए इश समझौते के अनुसार दोनों देशों ने जमीन से हमला करनेवाली कम एवं मध्यम दूरी के नए मिसाइलों का निर्माण करने से दूर रहने की बात स्वीकारी थी| इस समझौते में ५०० से १,००० किलोमीटर्स एवं १ हजार से ५ हजार किलोमीटर्स दूरी तक हमला करने की क्षमता रखनेवाले मिसाइलों का समावेश था| दोनों देशों ने एक दुसरे पर इस समझौते का भंग करने का आरोप किया और रक्षा सज्जता एवं परमाणु हथियारों संबंधी अलग अलग वक्तव्य करना शुरू किया है|

यह वक्तव्य दो देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों की स्पर्धा को बढावा देनेवाले होने का डर कई विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया है| लेकिन, दोनों देशों ने ‘आईएनएफ’ के मुद्दे पर बने तनाव के लिए एक दुसरे पर दोष एवं आरोप लगाए है और रक्षा सिद्धता के मुद्दे पर अब वापसी ना करने की भूमिका डटकर रखी है| इस पृष्ठभूमि पर पिछले सात दिनों में अमरिका और रशिया इन दोनों देशों ने मिसाइल परीक्षण करके कोई भी पीछे नही हटेगा, यह स्पष्ट किया है|

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपने पूरे रक्षा दल को अमरिका के मिसाइल परिक्षण को जवाब देने का आदेश दिया था| शनिवार के दिन आर्क्टिक में किए परमाणु मिसाइलों का परीक्षण इसका पहला स्तर होने की बात समझी जा रही है| इसके पीछे अब सोमवार के दिन रशिया के कई हिस्सो में एक ही समय पर युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई है और इसकी व्यापाती अमरिका के साथ पश्‍चिमी देशों को संदेशा देने की कोशिश समझी जा रही है|

रशियन रक्षा दल के ‘सदर्न मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट’ में सुरू हुआ युद्धाभ्यास सबसे बडा और ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हो रहा है| इस युद्धाभ्यास में सेना, नौसेना और वायुसेना इन तिनों दलों का समावेश है और आठ हजार से भी अधिक सैनिक इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए है| लष्करी टुकडियों के साथ ही १०० से अधिक टैंक, ३० लडाकू विमान, ६० हेलिकॉप्टर्स और १० युद्धपोत भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए है| इस युद्धाभ्यास के तहेत क्रिमिआ में हमलें का अध्ययन किया गया है और इसमें रशिया के ‘एसयु३०एसएम’ लडाकू विमानों ने किए मिसाइल हमले का किया गया अभ्यास अहम साबित हुआ है|

बाल्टिक क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले कैलिनिनग्रैड इस रशियन अड्डे के निकट नौसेना का अभ्यास शुरू हुआ है और इसमें कम से कम २० युद्धपोत शामिल हुई है| बाल्टिक समुद्र में हो रहे इस युद्धाभ्यास में ‘सरफेस शिप बैटल्स’ और ‘एअर अटैक वेपन्स’ को प्राथमिकता दी गई है, यह जानकारी रशियन सूत्रों ने दी| इस युद्धाभ्यास के दौरान रशिया के ‘बैस्टन कोस्टल डिफेन्स मिसाइल सिस्टिम’ का भी अभ्यास किया गया| रशिया के आर्क्टिक क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले ‘तेमिर पेनिन्सिुला’ में भी युद्धाभ्यास किया गया| इसमें ‘एसयू-२४ सुपरसोनिक’ लडाकू विमानों के साथ ८५ लष्करी टुकडीयां शामिल हुई है|

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