उत्तर कोरिया आतंकवाद समर्थक देश- अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा

वॉशिंगटन: उत्तर कोरिया का समावेश फिर एक बार आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि में करने की घोषणा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की है। उत्तर कोरिया के ‘किम जोंग-उन’ की राजवट विदेशी भूमि में हत्याकांड कर रही है, ऐसा आरोप ट्रम्प ने इस समय किया है। दक्षिण कोरिया और जापान ने ट्रम्प के इस निर्णय का स्वागत किया है। सन २००८ में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष जोर्ज बुश ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि से बाहर निकला था।

पिछले हफ्ते एशियाई देशों का दौरा करके वापस लौटे अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के बारे में बड़ी घोषणा करना टाला था। अपने चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे में भी ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के खिलाफ आक्रामक विधान नहीं किए थे। लेकिन सोमवार को ‘व्हाइट हाउस’ में पूरी हुई कैबिनेट की बैठक के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया का समावेश ‘आतंकवादी समर्थक देशों’ की सूचि में करने की घोषणा की।

‘उत्तर कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि में शामिल करना यह निर्णायक कदम है, यह कार्रवाई बहुत पहले की जानी चाहिए थी’, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इसके पहले के बुश और ओबामा प्रशासन पर टीका की। ‘किम जों-उंग की राजवट ने आतंकवादी और अपराधियों के साथ हाथ मिलाकर विदेशों में हत्याएं करने का आरोप ट्रम्प ने लगाया है। साथ ही अमरिकी छात्र ‘ओटो वार्मबियर’ पर किए अत्याचार भी अमानवीय है, यह टीका ट्रम्प ने की है।

उत्तर कोरिया का समावेश आतंकवादी समर्थक देशों की सूचि में करने के बाद जल्द ही उत्तर कोरिया पर कठोर प्रतिबन्ध लादे जाएंगे, ऐसा भी ट्रम्प ने कहा है। यह अब तक के सबसे कठोर प्रतिबन्ध होंगे, यह जानकारी व्हाइट हाउस की माध्यम प्रवक्ता ‘साराह हुकाबी’ ने दी है। पिछले महीने में विदेश मंत्री टिलरसन ने अमरिकन सिनेट के द्विपक्षीय समूह के सामने दी हुई जानकारी में, उत्तर कोरिया का समावेश इस सूचि में किया जाए, यह माँग की थी। तानाशाह ‘किम जोंग-उन’ ने अपने ही सौतेले भाई ‘किम जोंग-नाम’ की हवाई अड्डे पर हत्या करने का आरोप टिलर सन ने इस समय किया था।

इसके पहले भी ईरान, लीबिया इन देशों के साथ उत्तर कोरिया का समावेश आतंकवाद समर्थक देशों की सूचि में था। लेकिन सन २००८ में तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बुश ने उत्तर कोरिया को इस सूचि से निकाल दिया था। उत्तर कोरिया के साथ आयोजित किए गए छः पक्षीय चर्चा की पृष्ठभूमि पर बुश ने यह घोषणा की थी। इस छः पक्षीय चर्चा से उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम का हल निकलेगा, ऐसा दावा भी बुश ने किया था। लेकिन पिछले दस सालों में उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम तेजी से आगे निकल गया है, बुश और ओबामा प्रशासन ने उत्तर कोरिया को फिरसे इस सूचि में शामिल नहीं किया था।

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