नाटो की नई नीति में होगा सायबर सुरक्षा, आतंकवाद समेत चीन के मुद्दे का समावेश – नाटोप्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग

NATO-chinaब्रतिस्लावा – बीते दशक में नाटो ने तय की हुई नीति में बदलाव करने की आवश्‍यकता है और नई नीति में सायबरसुरक्षा, आतंकवाद समेत चीन के मुद्दे का भी समावेश करने की आवश्‍यकता है, यह निवेदन नाटोप्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया है। स्टॉल्टनबर्ग ने बीते महीने में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीन के बढ़ रहे खतरों का ज़िक्र करके चीन के विरोध में नाटो के सक्रिय होने के संकेत दिए थे। यूरोप में स्थित एक अभ्यासगुट ने आयोजित बैठक के दौरान नाटो के सदस्य कनाड़ा ने भी साउथ चायना सी में जारी चीन की गतिविधियों पर नाटो ने ठीक से नज़र रखने की आवश्‍यकता होने का बयान किया था।

NATO-chinaस्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में ग्लोबसेक नामक अभ्यासगुट ने बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक के दौरान नाटोप्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने बीते वर्ष फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने किए बयान का दाखिला देकर नाटो की नीति बदलने की प्रक्रिया शुरू होने के संकेत दिए। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने नाटो का गठबंधन ‘ब्रेन डेड’ होने की आलोचना की थी। फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के विवादित बयान के बाद नाटो ने अपने में बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू की है। नाटो अपनी अगली नीति में काफी बदलाव करेगी। विश्‍वभर में बुनियादि संकल्पना तेज़ी से बदल रही है, इस वजह से अब नाटो की नई नीति के लिए भी संकल्पना विकसित करने का समय आया है, इन शब्दों में स्टॉल्टनबर्ग ने नाटो नई चुनौतियों पर अधिक ध्यान देगी, ऐसे संकेत स्पष्ट तौर पर दिए हैं।

NATO-chinaनाटो की नई नीति का ज़िक्र नाटो २०३० के तौर पर करते समय इस नीति में चीन, सायबर सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे का समावेश रहेगा, यह बयान नाटोप्रमुख ने किया है। चीन के उभरने से विश्व स्तर पर जारी होड़ का संतुलन बदल रहा है और इसका संज्ञान लेने के लिए नाटो मज़बूर है, यह बात स्टॉल्टनबर्ग ने कही। साथ ही उन्होंने सायबर तकनीक और इससे निर्माण हुई चुनौतियां एवं खाड़ी देश और अफ्रिका में बढ़ रहीं आतंकी गतिविधियों का भी ज़िक्र किया। नाटोप्रमुख ने संगठन के सामने खड़ी चुनौतियों का ज़िक्र करते समय चीन का ज़िक्र करने का इस महीने में यह दूसरा अवसर है। बीते महीने में ‘सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी ऐनालिसीस’ नामक अभ्यासगुट ने आयोजित किए कार्यक्रम में नाटोप्रमुख ने चीन के विरोध में नाटो का गठबंधन निर्णायक साबित हो सकता है, इस बात का अहसास दिलाया था। साथ ही चीन के खतरे को रोकने के लिए नाटो का विस्तार करने की आवश्‍यकता है और यूरोप के अलावा अन्य क्षेत्रों के सम-विचारी देशों से सहयोग बढ़ाना अहम साबित होगा, इस ओर भी नाटोप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया।

इस बीच, नाटो के सदस्य देशों ने भी चीन के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपनाना शुरू किया होने की बात ब्रतिस्लावा की बैठक में दिखाई दी। नाटो के प्रमुख सदस्य कनाड़ा ने साउथ चायना सी में चीन की गतिविधियों पर ध्यान रखने के लिए निवेदन किया। साउथ चायना सी में जारी चीन की गतिविधियां सुरक्षा के नज़रिये से बड़ी चुनौती हैं और इस पर नाटो को नज़र रखने की जरुरत है, यह बयान कनाड़ा के रक्षामंत्री हरजित सज्जन ने किया। कुछ दिन पहले ही कनाड़ा ने साउथ चायना सी में अपने युद्धपोत रवाना करने की बात भी सामने आयी थी।

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