नाटो को बायडेन से अफ़गानिस्तान, चीन के संदर्भ में बड़े फ़ैसले की उम्मीद – नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग

काबुल – अमरीका की अफ़गानिस्तानविषयक नीति के कारण नाटो विचित्र एवं पेचिंदा समस्या में उलझा हुआ है। आगामी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन, अमरीका की सत्ता की बागड़ोर सँभालने के बाद इस घेराबंदी का हल निकालने की कोशिश करेंगे, ऐसी उम्मीद होने की प्रतिक्रिया नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने दी। वहीं, चीन के ख़तरे के बारे में भी बायडेन से स्पष्टोक्ति अपेक्षित है, ऐसा स्टोल्टनबर्ग ने अमरीका की लष्करी वेबसाईट को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट किया। इसी बीच, चीन यह अमरीका तथा नाटो के लिए ख़तरा साबित हो रहा है, ऐसा बयान नाटो में नियुक्त अमरीका की राजदूत ‘के बेली हचीसन’ ने किया है।

biden-natoज्यो बायडेन २० जनवरी २०२१ को अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद की शपथ लेंगे। उनके इस शपथग्रहण की ओर युरोप एवं खाड़ीक्षेत्र के देशों के साथ ही, चीन और ईरान भी आँखें लगाकर बैठे हैं, यह बात कुछ दिनों से सामने आ रही है। अमरीका, कैनड़ा तथा युरोपिय देशों का लष्करी संगठन होनेवाले ‘नाटो’ के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने भी, बायडेन से बहुत बड़ीं उम्मीदें होने की बात हाल ही में एक इंटरव्यू में स्पष्ट की। सत्ता की बागड़ोर सँभालते ही बायडेन अफ़गानिस्तान और चीन के संदर्भ में शीघ्रतापूर्वक फ़ैसलें करें, ऐसा मशवरा स्टोल्टनबर्ग ने इस इंटरव्यू में दिया है।

biden-natoअमरीका के विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़गानिस्तान से सेनावापसी का ऐलान किया है। जनवरी महीने के पहले दस दिनों में कम से कम २५०० सैनिक स्वदेश लौटेंगे, ऐसा अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने हाल ही में घोषित किया। लेकिन इस सेनावापसी के बाद, इराक और सिरिया गँवा चुके ‘आयएस’ के आतंकी अफ़गानिस्तान में खिलाफ़त शुरू करने की संभावना है, ऐसी चेतावनी स्टोल्टनबर्ग ने दी। इस कारण, राष्ट्राध्यक्षपद की बागड़ोर सँभालने के बाद बायडेन अमरीका के सेनावापसी के फ़ैसले पर पुनर्विचार करें, ऐसा आवाहन नाटो के प्रमुख ने किया।

biden-natoवहीं, चीन से बढ़ते ख़तरे को मद्देनज़र रखते हुए नाटो भी अपनी नीति में बदलाव करनेवाला है, ऐसा स्टोल्टनबर्ग ने स्पष्ट किया। ‘‘हमें साऊथ चायना सी तक जाना है या नहीं, यह सवाल हमारे सामने नहीं है। बल्कि चीन हम तक पहुँच चुका है, इस बात को ध्यान में लेना होगा। आर्क्टिक, अफ़्रीका तथा नाटो सदस्यदेशों में चीन के बढ़ते प्रभाव के साथ ही, ५जी तंत्रज्ञान, सायबरस्पेस इन क्षेत्रों में चीन ने प्रवेश किया है’, ऐसा सूचक बयान स्टोल्टनबर्ग ने किया है। साथ ही, चीन का यह विस्तार नाटो सदस्य देशों के लिए, जनतंत्र के लिए और मानवाधिकारों के लिए ख़तरनाक है, यह बात स्टोल्टनबर्ग ने अधोरेखांकित की। इस पृष्ठभूमि पर बायडेन की चीनविषयक भूमिका अहम साबित होगी, इसका एहसास नाटो के प्रमुख ने करा दिया।

biden-natoइसी बीच, बायडेन ने अपने चुनाव प्रचार में अफ़गानिस्तान से सेनावापसी करने का विरोध किया था। लेकिन पिछले हफ़्ते में अमरीका के आगामी रक्षामंत्री के रूप में लॉयड ऑस्टिन का नाम घोषित करने के बाद, अमरीका ‘कायमस्वरूपी युद्ध’ से बाहर निकलें इसके लिए ऑस्टिन फ़ैसलें करें, ऐसी सलाह बायडेन ने दी थी। वहीं, बायडेन की चीनविषयक भूमिका अभी भी स्पष्ट नहीं हुई है। बायडेन चीनपरस्त नीति अपनायेंगे, ऐसा शक़ कुछ विश्लेषकों ने ज़ाहिर किया है। वहीं, बायडेन के सामने ट्रम्प की चीनविरोधी नीतियाँ क़ायम रखने के अलावा और कुछ चारा ही नहीं है, ऐसा मत कुछ विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

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