३१ दिसंबर से पहले अमरिकी सेना इराक से वापसी करें – इराक स्थित ईरान से जुड़े आतंकवादी गुटों की धमकी

iraq-us-military-withdrawal-2बगदाद – ‘इस साल के अंत तक इराक में चल रही लष्करी मुहिम खत्म करने की हालांकि अमरीका ने घोषणा की है, फिर भी अमरिकी सेना द्वारा उस दिशा में कुछ भी गतिविधियाँ होती नहीं दिखाई दे रहीं हैं। ३१ दिसंबर से पहले अमरीका शांति से इराक से पूरी तरह सेना वापसी करें। अन्यथा अमरिकी सेना के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष पुकारा जाएगा’, ऐसी धमकी इराक स्थित ईरान से जुड़े आतंकवादी गुट ने दी। इराक में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल होकर, ईरान से जुड़े आतंकवादी गुट इराक सरकार को भी धमका रहे हैं।

अमरीका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने चार दिन पहले खाड़ी क्षेत्र के देशों का दौरा किया था। इसमें उन्होंने इराक के रक्षा मंत्री जुमाह इनाद सादून अल-जाबूरी से मुलाक़ात की। उसके बाद अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने, इराक से अमरीका की सेना वापसी की घोषणा की। इस साल के अंत तक इराक में चल रही अमरीका की लष्करी मुहिम ख़त्म होगी। लेकिन इस वापसी के बाद भी आईएस विरोधी कार्रवाई के लिए अमरीका के मिलिट्री एडवाइजर्स इराक में तैनात रहेंगे। दोनों देशों में गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान जारी रहेगा, ऐसा पेंटागन ने घोषित किया था।

इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी ने अमरीका के फ़ैसले का स्वागत किया। लेकिन इराक स्थित ‘हिजबुल्लाह अल-नुजाबा’ इस ईरान से जुड़े गुट ने अमरीका को स्पष्ट शब्दों में धमकाया। ‘तालिबान ने अमरीका को अफगानिस्तान से खदेड़ देने के दस साल पहले, सन २०११ में इराकी सशस्त्र गुटों ने अमरीका को इराक में से निकाल बाहर किया था। आज की घड़ी में इराकी गुट अधिक मजबूत होकर, दीर्घकालीन संघर्ष और घुसपैंठी सेना को इराक से निकाल बाहर करने के लिए सिद्ध हैं’, ऐसी चेतावनी अल-नुजाबा का प्रवक्ता नस्र अल-शामरी ने दी।

iraq-us-military-withdrawal-1साथ ही, सेना वापसी की घोषणा करनेवाली अमरीका अपने शब्दों पर निश्चयी ना होने का आरोप इराक स्थित ईरान से जुड़े गुटों के गठबंधन ने किया। ‘इराक से सेना वापसी शुरू करने के बजाय अमरीका ने उल्टे इराक में अपनी सेनासंख्या और लष्करी सामग्रियों की तैनाती बढ़ाई है। इराकी प्रधानमंत्री की विनती के प्रतिसादस्वरूप अमरिकी सेना इसके आगे भी सेना तैनाती कायम रखेगी, ऐसे कारण अमरीका देगी’, ऐसा आरोप इन ईरान से जुड़े आतंकवादी गुटों के गठबंधन ने किया।

३१ दिसंबर की मध्यरात्रि के बाद अगर अमरिकी सेना इराक में तैनात दिखाई दी, तो उनपर हमले किए जाएँगे, ऐसी धमकी भी इस ईरान से जुड़े आतंकवादी गुटों के गठबंधन ने दी। वहीं, नए साल में अमरिकी सेना पर हमले करने के लिए इराक स्थित कट्टरपंथी बड़ी संख्या में हमारे गुट में सहभागी हों, ऐसा उकसाऊ बयान ‘सईद अल-शुहादा ब्रिगेड’ इस इराक स्थित एक और ईरान से जुड़े आतंकवादी गुट ने किया।

अफगानिस्तान के बाद अमरीका की इराक से सेनावापसी, यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना है। दोनों देशों से की इस वापसी के कारण अमरीका अपना प्रभाव गँवा आ रही है, ऐसे दावे किए जाते हैं। ख़ासकर अमरीका के प्रतिस्पर्धी देश, अमरीका के साथ सहयोग करनेवाले देशों को इस मुद्दे पर धमका रहे हैं। आतंकवादी संगठन भी, अमरीका पर निर्भर ना रहें, ऐसी चेतावनियाँ अमरीका के मित्रदेशों को दे रहे हैं।

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