भारतीय बनावट का सबसे बड़ा ध्वसंक पोत ‘आयएनएस चेन्नई’ नौसेना में शामिल

मुंबई: सोमवार के दिन रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर की मौजूदगी में, स्वदेसी बनावट का सबसे बड़ा ध्वंसक पोत ‘आयएनएस चेन्नई’ भारतीय नौसेना में शामील हुआ है| ‘आयएनएस चेन्नई’ यह कोलकाता श्रेणी का तीसरा ध्वंसक पोत होकर, ‘माझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ में उसका निर्माण किया गया है| कार्यक्रम के दौरान, रक्षामंत्री पर्रीकर ने, ‘भारतीय रक्षादल किसी पर भी आक्रमण करने की नीति नहीं अपनायेगा नहीं, फिर भी मुँहतोड़ जवाब देने से नहीं डरेगा’ ऐसे स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी| सितंबर महीने में भारतीय सेना ने, पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) में किये ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के सिलसिले में रिपोटर्स ने पूछे सवालों का जवाब देते हुए रक्षामंत्री ने यह चेतावनी दी|

ins_chennaiनौसेना प्रमुख ऍडमिरल सुनील लान्बा की मौजूदगी में संपन्न हुए कार्यक्रम में नौसेना में शामील हुआ ‘आयएनएस चेन्नई’ सबसे बड़ा ध्वसंक पोत है| ‘प्रोजेक्ट १५ए’ अंतर्गत तैयार किये गये इस ध्वसंक पोत की लँबाई १६४ मीटर होते हुए उसका वजन ७,५०० टन है| ‘गायडेड मिसाईल डिस्ट्रॉयर’ श्रेणी के ‘आयएनएस चेन्नई’ पर भूमि से भूमि पर दाग सकनेवाले सुपरसॉनिक ‘ब्रह्मोस’ मिसाईल और ‘बराक-८’ मिसाईल तैनात किये गये हैं| इसके अलावा दुश्मन के प्रक्षेपास्त्रहमले से रक्षा करनेवाली ‘कवच’ यंत्रणा की तैनाती यह ‘आयएनएस चेन्नई’ की खासियत है, यह जानकारी नौसेना अधिकारी ने दी|

नौसेना के ‘वेस्टर्न फ्लीट’ में शामिल होनेवाला यह ध्वसंक पोत कोलकाता श्रेणी का तिसरा और आखिरी ध्वसंक पोत है| इससे पहले सन २०१४ में कोलकाता श्रेणी के ‘आयएनएस कोलकाता’ और सन २०१५ में ‘आयएनएस कोची’ ये ध्वसंक पोत भारतीय नौसना में शामील हुए थे|

भारत के रक्षाक्षेत्र में, ७५ प्रतिशत स्वदेसी निर्माण की तकनीक़ विकसित करने का लक्ष्य सामने है, ऐसे रक्षामंत्री पर्रीकर ने कहा| दुनिया में १०० प्रतिशत स्वदेसी निर्माण की रक्षा तकनीक़ कहीं पर भी विकसित नहीं होती, यह बात भी ध्यान में लेनी चाहिए, यह रक्षामंत्री ने आगे स्पष्ट किया| इससे पहले, अधूरे रहे प्रकल्पों को तेज़ी से पूरा करने की आवश्यकता है| रक्षासंदर्भ प्रकल्प अब तेज़ी से आगे ले जाये जायेंगे, ऐसा आश्‍वासन पर्रीकर ने दिया| प्रकल्पों का प्रलंबित रहना कम हुआ होकर, वे जल्द पूरे किये जा रहे हैं, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा|

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