चीन से जुडे सीमावर्ती इलाक़े में भारत की रक्षासिद्धता बढ़ी

नयी दिल्ली, दि. १७ (वृत्तसंस्था) – चीन की चुनौतियों को देखते हुए, भारत लद्दाख और ईशान्य भारत में अपनी रक्षासिद्धता में बढोतरी कर रहा है| इसके तहत टँक्स, प्रक्षेपास्त्रों की ‘दीवार’ खड़ी कर रहा है| शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के पश्‍चिम सियांग ज़िले के पासीघाट में, भारतीय वायुसेना ‘ऍडव्हान्स लॅण्डिंग ग्राऊंड’ (एएलजी) कार्यान्वित करनेवाला है| पिछले कुछ समय में लद्दाख और ईशान्य भारत में कार्यान्वित किया जानेवाला यह पाँचवाँ हवाईअड्डा है| साथ ही, पिछले कुछ दिनों में भारत ने, ‘सुखोई-३० एमकेआय’ जैसे आधुनिक लडाक़ू विमान, निगरानीवाले ड्रोन, प्रक्षेपास्त्र और टँक्स भी इस क्षेत्र में तैनात किये हैं|

चीनचीन ने पिछले कुछ वर्षो से, भारत से सटे अपने सीमावर्ती इलाक़े में रक्षासंबंधित बुनियादी सुविधाओं का बड़े पैमाने पर विकास किया है| इस वजह से, भारत की सीमा के पास, अल्प-अवधि में ही लाखों की तादात में सैनिकों को तैनात करने की क्षमता चीन ने हासिल की है| यहाँ पर चीन ने विकसित किया सडकों का जाल और अन्य सुविधाओं के सिलसिले में, कुछ महिने पहले अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने ‘मिलिटरी अँड सिक्युरिटी डेव्हलपमेंटस् इनव्हॉल्विंग द पिपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चायना’ यह अहवाल प्रकाशित किया था| भारत की सरहद से सटे अपने सीमावर्ती क्षेत्र में चीन अपनी सैनिकी सिद्धता बड़े पैमाने पर बढा रहा है, ऐसा इस अहवाल में नमूद किया गया है|

इससे पहले भी इस संदर्भ में अहवाल प्रकाशित हुए हैं| भारतीय सामरिक विश्‍लेषक भी चीन की गतिविधियों पर बारबार चेतावनियाँ दे रहे हैं| चीन लष्करी गतिविधियों के जरिये भारत पर दबाव बढ़ाने का एक भी मौक़ा नहीं छोड़ता| इस पृष्ठभूमि पर, अब भारत ने भी सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए, चीन से सटे अपने सीमावर्ती इलाक़े में अपनी लष्करी सिद्धता को तेज़ी से बढ़ाना शुरू किया है| चीन की ओर से यदि अचानक हमला होता है, तो हमलों का तत्काल जवाब देने के लिए ज़रूरी रहनेवालीं बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने पर ज़ोर दिया जा रहा है| इसमें ‘ऍडव्हान्स लॅण्डिंग ग्राऊंड’ (एएलजी) का विकास यह अहम है|

अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट इलाक़े में वायुसेना ने हवाईअड्डा बनाया है| लद्दाख और ईशान्य भारत में पिछले कुछ समय में बनाया गया यह पाँचवा हवाईमार्ग है| इससे पहले, चीन बार बार घुसपैठ कर रहे ‘दौलत बेग ओल्डी’ और ‘न्योमा’ में ‘एएलजी’ बनाये गये हैं| इसीके साथ अरुणाचल के ‘जिरो’, ‘अलोंग’, ‘मेचुका’ में भी ‘एएलजी’ बनाये गये हैं| ये ‘एएलजी’ दिसंबर में कार्यान्वित होंगे| तवांग में अगले साल के अप्रैल महिने तक ‘एएलजी’ बनकर तैयार होंगे, ऐसी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी|

इससे भारतीय वायुसेना की जवाबी क्षमता बढेगी| अचानक हमला होने पर, भारतीय वायुसेना कम से कम समय में जवाबी हमला कर सकती है, ऐसी जानकारी इस अधिकारी ने दी| केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू और पूर्वी हवाई कमांड के प्रमुख एअर चीफ मार्शल सी हरि कुमार शुक्रवार को पासीघाट में ‘एएलजी’ का उद्घाटन करेंगे| यह हवाई अड्डा व्यूहरचनात्मक दृष्टि से ईशान्य भारत का अहम अड्डा साबित होगा, ऐसा इस अधिकारी ने कहा|

इससे पहले पूर्व लद्दाख में भारत ने अतिरिक्त सेना और टँक्स तैनात किये थे| साथ ही, ईशान्य भारत के वायुसेना के अड्डों पर अतिरिक्त ‘सुखोई-३० एमकेआय’, ‘सी-१३०जे सुपर हर्क्युलिस’, निगरानी ड्रोन्स और ‘आकाश’ प्रक्षेपास्त्र तैनात किये गए हैं| साथ ही, अत्याधुनिक ब्राह्मोस प्रक्षेपास्र की तैनाती भी शुरू की गयी है| इसी के साथ, सड़कों का विकास और रेल का जाल बुनने का काम हाथ में लिया गया है, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी| इसके अलावा, सागरी क्षेत्र में चीन का खतरा ध्यान में लेते हुए अंदमान-निकोबार में इस दृष्टि से तैयारी की जा रही है| पिछले कुछ समय में चीन ने, भारत के हित को धक्का देनेवाले निर्णय लिए हैं| भारत पर बार बार दबाव बढ़ाने का प्रयास करनेवाले चीन को जवाब देने के लिए भारत ने भी उतनी ही आक्रामक नीति अपनाना शुरू किया है, इस बात का गत कुछ सालों की घटनाओं से पता चलता है|

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