बाढ़ की वजह से देश में करीबन १५ हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान

नई दिल्ली – उत्तराखंड़, हिमाचल प्रदेश, असम से लेकर उत्तर ओर पूर्व के राज्यों में पिछले कुछ दिनों से फैले महापूर ने अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा हैं। इससे करीबन १० से १५ हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान होने का अनुमान एसबीआई के इकोरैप नामक रपट में जताया गया है।

पिछले कुछ दिनों से उत्तरी राज्यों में अतिवृष्टी हुई है। मान्सून और वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के साथ हुए परिणामों के कारण उत्तरी राज्यों में हुई बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कुछ जगहों पर हुई बारिश ने पिछले ५० सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया  है। इस दौरान कुछ हिस्सों में जुलाई महीने की पुरी बारिश सीर्फ एक ही दिन में हुई। इससे कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। साथ ही ग्लेशियर का हिस्सा टूटने के साथ हुए भूस्खलन के कारण कई हिस्सों में बड़ा नुकसान हुआ हैं। सड़के बह गई हैं, कई घरों का नुकसान हुआ है। दिल्ली में यमूना नदी का जलस्तर बढ़ने से पिछले चार दिनों से दिल्ली के कई हिस्से अभी भा पानी में डुबे हैं।

पिछले कुछ दिनों के दौरान कुछ राज्यों में इस बाढ़ से हुए नुकसान का अंदाजा जताना मुमकीन नहीं हो सकता। इस नुकसान का अभी सर्वेक्षण होना बाकी  है। कई हिस्सों में अभी भी बाढ़ की स्थिति कायम हैं। लेकिन, एसबीआई का यह  अनुमान है कि, इस बाढ़ के कारण करीबन १० से १५ हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है।

देश में नैसर्गिक आपदा आने की तादात बढ़ी है। इसमें सबसे अधिक नुकसान बाढ़ और तूफान की मात्रा अधिक है। वर्ष २००१ से पिछले साल तक देश में कुल ३६१ नैसर्गिक आपदाओं की घटनाएं दर्ज़ हुई। उससे पहले १९०० से २००० तक के पूरे शतक में नैसर्गिक आपदाओं की संख्या ४०२ ही रही। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि, नैसर्गिक आपदाओं की गति बढ़ी है। इनमें से ४१ प्रतिशत आपदाएं बाढ़ की हैं और उसके बाद बाढ़ एवं तूफान की घटएं ज्यादा दर्ज़ हुई है। इसपर भी ‘एसबीआई’ की रपट ने ध्यान आकर्षित किया।

इस नैसर्गिक आपदाओं की वजह से हो रहा आर्थिक नुकसान हर वर्ष बढ़ रहा हैं। इस वर्ष मान्सून के शुरू में ही कई राज्यों में बाढ़ के हातात पैदा हुए। इससे हुए नुकसान का आंकड़ा १० से १५ हज़ार करोड़ रुपयों तक पहुंचने का अनुमान एसबीआई ने जताया है।

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