‘फ्रेंडशोरिंग’ के मोर्चे पर अमरीका के सामने भारत का विकल्प नहीं – अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन

गांधीनगर – भारत और अमरीका के द्विपक्षीय संबंध पहले कभी नहीं थे इतनी ऊंचाई पर पहुंचे हैं। भारत ऐसा भागीदार देश बना है कि, इसका स्थान अन्य कोई देश प्राप्त नहीं कर सकता। भारत में निवेश करके उत्पादन लेने के साथ भारत से पूरे विश्व में निर्यात करने के लिए अमरीका का उद्योग क्षेत्र उत्सुक हैं। इससे संबंधित ऐलान अमरिकी उद्योग क्षेत्र जल्द ही करेगा, ऐसा बयान अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने किया है। इसके साथ ही उत्पादन के लिए मज़बूत सप्लाई चेन स्थापित करने की अहमियत रेखांकित करके इसके लिए भारत काफी बड़ा योगदान दे सकता है, ऐसे संकेत अमरिकी वित्त मंत्री ने दिए हैं।

‘जी २०’ देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के लिए गुजरात के गांधीनगर पहुंची वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने भारत-अमरीका भागीदारी की अहमियत रेखांकित की। ‘फ्रेन्डशोरिंग’ के मोर्चे पर अमरीका के लिए भारत का स्थान अन्य कोई देश प्राप्त नहीं कर सकता, ऐसी गवाही वित्त मंत्री येलेन ने दी। उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे सामान पाने के साथ उत्पादन केंद्र अन्य देश में स्थापित करते समय सम विचारी देशों को प्राथमिकता दी जाती है, इसे ही ‘फ्रेन्डशोरिंग’ कहा जाता है। अमरीका की निजी कंपनियां इसी नज़रिये से भारत को बड़ी आत्मियता से देख रही हैं। अमरकी कंपनियां जल्द ही भारत में निवेश करने संबंधित ऐलान करेंगी, ऐसा वित्त मंत्री येलेन ने कहा।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे में अमरिकी उद्योमी और निवेशकों ने भारत में निवेश करने के लिए हम उत्सुक होने का बयान किया था। अमरिकी वित्त मंत्री येलेन अपने इस भारत दौरे में इसपर मुहर लगाती दिख रही हैं। इसी बीच, अपना यह  भारत दौरा दोनों देशों के सहयोग को अधिक मज़बूती देने वाला साबित होगा, यह दावा येलेन ने किया। साथ ही अधिक सशक्त वैश्विक सप्लाई चेन निर्माण करने के लिए अमरीका भारत की ओर बड़े विश्वास से देख रही हैं, यह भी वित्त मंत्री येलेन ने स्पष्ट किया।

कोरोना के दौरान बाद वैश्विक उत्पादन के केंद्र बने चीन में स्थित कारखाने बंद पड़े थे। इसका वैश्विक उत्पादन पर खराब असर हुआ था। इससे उत्पादन के लिए आवश्यक अधिक विश्वासार्ह और मज़बूत  सप्लाई चेन का निर्माण ज़रूरी होने की चर्चा शुरू हुई। इसके आगे उत्पादन का केंद्र चीन के बजाय अधिक ज़िम्मेदार और भरोसेमंद देश में स्थानांतरित करने के लिए मज़बूर होने का बयान अमरीका और यूरोपिय देशों के उद्योग क्षेत्र से जुड़े कई लोग खुले आम करने लगे थे। इस मोर्चे पर भारत ही चीन से कई अधिक भरोसेमंद विकल्प साबित होगा, ऐसे दावे बहुराष्ट्रीय कंपनियां करने लगी हैं। इससे भारत में निवेश की मात्रा बढ़ती दिखने लगी है।

भारत में उत्पादन शुरू करने के लिए यहां से ही दुनियाभर में अपने उत्पादन निर्यात करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियां पहल कर रही हैं। आगे के दिनों में यह प्रक्रिया अधिक गतिमान होगी, ऐसे संकेत अमरीका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन दे रही हैं। कुछ दिन पहले ही जेनेट येलेन ने चीन का दौरा किया। इसके बाद भारत पहुंचकर उन्होंने वैश्विक सप्लाई चेन को लेकर किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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