सिक्किम में सामरिक नज़रिये से अहम रास्ते का उद्घाटन

नथुला – भारत-चीन तनाव की पृष्ठभूमि पर सरहदी राज्य में सामरिक नज़रिये से अहम और एक रास्ते का उद्घाटन किया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनायज़ेशन’ (बीआरओ) ने सिक्किम में निर्माण किए एक रास्ते का उद्घाटन किया। यह रास्ता ‘राष्ट्रीय राजमार्ग ३१०’ के लिए विकल्प साबित होगा और चीन से जुड़ी सीमा पर सैनिक एवं लष्करी सामान की तेज़ तैनाती करने के लिए अहम साबित होगा।

rajnath-singh-BRO-sikkimचीन से बना खतरा पहचानकर सरकार बीते कुछ वर्षों में सरहदी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दे रही है। गलवान में हुए संघर्ष से तीन वर्ष पहले भारत और चीन के सैनिक सिक्किम की सीमा पर ही ७३ दिनों तक एक-दूसरे के आमने-सामने थे। इसके बाद इन बुनियादि सुविधाओं के निर्माण कार्य को अधिक गति प्रदान की गई थी। सिक्किम में भी सामरिक नज़रिये से अहम बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों के काम तेज़ी से हो रहे हैं। इनमें से एक अहम रास्ते का काम ‘बीआरओ’ ने पूरा किया है और सिक्किम का दौरा कर रहे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस रास्ते का वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से उद्घाटन किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया। सेना के ‘३३ कोअर’ के मुख्यालय में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

राष्ट्रीय राजमार्ग ३१० के लिए विकल्प के तौर पर इस नए १९.८५ किलोमीटर के मार्ग का निर्माण किया गया है। पूर्व सिक्किम के नथूला सेक्टर में सेना की तैनाती को इस रास्ते की वजह से मज़बूती प्राप्त होगी, यह दावे किए जा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने इस दौरान ‘बीआरओ’ की सफलता की सराहना की। सिक्किम में सरहदी क्षेत्र के रास्ते ‘ड़बल लेन’ करने का काम जारी होने की जानकारी भी उन्होंने इस दौरान साझा की। दुर्गम इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। सीमा की सुरक्षा की तैयारी के साथ सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने के लिए यह विकास किया जा रहा है, यह बयान रक्षामंत्री ने इस दौरान किया। इसके साथ ही सरकार ईशान कोण राज्यों का विकास करने के लिए विशेष ध्यान दे रही है, यह बात भी राजनाथ सिंह ने रेखांकित की।

पर्यटन क्षेत्र सिक्किम की अर्थव्यवस्था की रीढ है। इस मार्ग की वजह से पर्यटन क्षेत्र के विकास को भी गति प्राप्त होगी। साथ ही राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति प्राप्त होगी, यह बात सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेमसिंग तमंग ने इस अवसर पर कही। इसी बीच, चीन की सीमा के करीबी दुर्गम इलाकों में ६१ ज़गहों पर रास्तों का निर्माण कार्य जारी है और तीन हज़ार किलोमीटर के रास्तों का काम करने में ‘बीआरओ’ जुटी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.