असम और बिहार में बाढ़ से स्थिति गंभीर

गुवाहाटी/पटना/ पिठोरागढ – पिछले कुछ दिनों से असम और बिहार में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से स्थिति काफ़ी गंभीर हुई है। असम में बनी बाढ़ की स्थिति में रविवार के दिन छह लोगों की मौत हुई और इस बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या बढ़कर ८५ हुई। इस बाढ़ की वजह से असम में ७० लाख लोग विस्थापित हुए हैं। बिहार में हुई तेज़ बारिश के कारण, रविवार के दिन बिज़ली गिरने से १० लोगों की मौत हुई। वहीं, उत्तराखंड़ में बादल फटने से तीन लोग जान से गए और छह लोग लापता होने की बात कही जा रही है।

असम और बिहार

मूसलाधार बारीश की वजह से असम में नदीयों का जलस्तर काफ़ी मात्रा में बढ़ रहा है और स्थिति प्रतिदिन और भी गंभीर हो रही है। असम के ३३ में से २८ ज़िलों में बाढ़ ने भारी नुकसान किया है। ‘एनडीआरएफ’ और ‘एसडीआरएफ’ के दल नागरिकों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बाढ़ की वजह से रास्ते और पुलों का नुकसान होने से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है। असम के २८ ज़िलों के कुल ३३७१ गांवों में बाढ़ के पानी ने प्रवेश किया है और ४४ हज़ार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है।

असम और बिहार

असम सरकार ने १४ ज़िलों में २०० से अधिक राहत शिविर बनाए हैं। इस बाढ़ ने १.२८ लाख हेक्टर के खेतों का नुकसान किया है। इसी बीच, ब्रह्मपुत्रा नदी खतरे के स्तर से उपर बहने लगी है और बराक दांडी का जलस्तर बढ़ने से चिंता में बढ़ोतरी हो रही है। इस बाढ़ ने काझिरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य को भी बड़ा नुकसान पहुँचाया है और लगभग ९५ प्रतिशत यानी ४३० चौरस किलोमीटर का क्षेत्र पानी में डूब गया है। बाढ़ के कारण काझिरंगा में १०८ वन्यजीव मृत हुए हैं।

असम के साथ बिहार को भी बाढ़ ने बड़ा नुकसान पहुँचाया है। रविवार के दिन बिहार के सात जिलों में बिजली गिरने से १० लोग मारे गए। पूर्णिया में ३, बेगूसराय में २ और पटना, सहरसा, पूर्व चंपारण, मधेपूरा और दरभंगा जिले में एक-एक नागरिक की बिजली गिरने से मौत हुई। बिहार में पिछले तीन हफ़्तों के दौरान बिजली गिरने से अब तक १६० लोगों की मौत हुई है। रविवार के दिन, उत्तराखंड के माडकोट गाँव में बादल फटने से तीन लोगों की मृत्यु हुई और छह लोग लापता हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम और बिहार के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करके बाढ़ से बनी स्थिति का जायज़ा लिया।

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