५९ मिनट में एक करोड़ तक ऋण मंजूर होगा

लघु एवं मध्यम उद्योगों को केंद्र सरकार की दिवाली भेंट

नई दिल्ली – छोटे एवं मध्यम उद्योगों को लगभग १ करोड़ तक ऋण केवल ५९ मिनटों में मंजूर करने की योजना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है। इसका बहुत बड़ा लाभ देश के लघु एवं मध्यम उद्योग को होगा और यह उनके लिए दिवाली का गिफ्ट ठहरेगा, ऐसा दावा प्रधानमंत्री ने किया है। तथा इसकी वजह से बड़ी तादाद में रोजगार निर्माण होने की गवाही भी प्रधानमंत्री ने दी है।

माइक्रो, स्मॉल, मीडियम इंटरप्राइजेज सपोर्ट प्रोग्राम (एमएसएमई) की घोषणा करके प्रधानमंत्री ने छोटे एवं मध्यम उद्योग को खुश किया है। इसकी वजह से केवल ५९ मिनटों में बैंक से इन उद्योगों को ऑनलाइन १ करोड़ रुपए तक ऋण उपलब्ध होने वाला है। यह प्रक्रिया १ घंटे की न रखते हुए ५९ मिनट की रखी गई है। इसके पीछे संकल्पना होने की बात प्रधानमंत्री ने स्पष्ट की है। १ घंटे का अवधि दिया, तो उसके आगे २ घंटे या अधिक कालखंड लग सकता है। वैसा ना हो इसके लिए जानबूझकर यह कर ५९ मिनटों में मंजूर करने के आदेश बैंकों को दिए गए हैं।

उद्योग क्षेत्र को होनेवाली कमजोरी दूर करके देश में नया उत्साह बढ़ाने के लिए यह योजना कार्यान्वित हो रही है। तथा यह ऋण जीएसटी अंतर्गत दर्ज हुए उद्योग को ही दिए जाएंगे। इस ऋण पर ब्याज में २ प्रतिशत से सहूलियत दी जाने वाली है, ऐसा प्रधानमंत्री ने घोषित किया है। साथ ही देश में छोटे एवं मध्यम उद्योग को चलाने में सुलभता हो इसके लिए सरकार ने लगभग १२ धारणात्मक निर्णय लिए जाएंगे। एमएसएमई उपक्रम इस धारणा तक निर्णय में से एक है, ऐसा प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है। इसके अनुसार सार्वजनिक कंपनियों द्वारा एमएसएमई से की जानेवाली खरीदारी २० प्रतिशत से २५ प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लेने की बात प्रधानमंत्री स्पष्ट की है।

२ दिनों पहले व्यापार के लिए अनुकूल होनेवाले देश की सूची में भारत का स्थान २३ अंकों से बढ़कर ७७ पर आने का रिपोर्ट प्रसिद्ध हुआ था। सन २०१४ में भारत १४२ में स्थान पर था। इस पर ध्यान दिया तो भारत ने बहुत बड़ी प्रगति की है, यह समझ में आ रहा है ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है।

भारत के एमएसएमई क्षेत्र से बड़ी तादाद में रोजगार निर्माण होता है। इस क्षेत्र का राष्ट्रीय उत्पादन में लगभग ३० प्रतिशत हिस्सा है। उत्पादन क्षेत्र में एमएसएमई का हिस्सा ४५ प्रतिशत इतना है। तथा देश से होने वाले निर्यात में भी एमएसएमई का ४० प्रतिशत हिस्सा है। इसीलिए इस क्षेत्र को अधिक बल प्रदान करना महत्वपूर्ण है, यह ध्यान में लेकर सरकार ने इस संदर्भ में योजना कार्यान्वित की है, ऐसा दावा प्रधानमंत्री ने किया है।

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