‘आईसीजीएस वराह’ गश्ती जहाज का जलावरण

चेन्नई – भारतीय तटरक्षक बल के लिए निर्माण की गई ‘ऑफ़शोर पेट्रोल व्हिजल’ (ओपीव्ही) श्रृंखला के ‘आईसीसीजीएस वराह’ इस चौथी गश्ती नौका का जलावतरण लार्सन एंड टर्बो के चेन्नई में स्थित कट्तुपल्ली शिपयार्ड में किया गया है। एल एंड टी की तरफ से तटरक्षक बल को सात ‘ओपीव्ही’ की आपूर्ति की जाने वाली है। तटरक्षक बल में समावेश हो रही यह अत्याधुनिक गश्ती नौकाएं समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

देश की समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के दृष्टिकोण से की जाने वाली कोशिशों के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय ने मार्च २०१५ को लार्सन एंड टर्बो को सात गश्ती नौकाओं के निर्माण का ठेका दिया था। एल एंड टी कंपनी के साथ १४३२ करोड़ रुपयों का अनुबंध किया गया था। एल एंड टी की तरफ से अब तक भारतीय तटरक्षक बल को (आईसीजी) तीन गश्ती नौकाओं की आपूर्ति की गई है। शुक्रवार को तटरक्षक बल के पश्चिम विभाग के कमांडर महानिरीक्षक विजय चाफेकर की पत्नी के हाथों चौथी गश्ती नौका का जलावरण किया गया है।

अक्टूबर २०१७ में ‘आईसीजीएस विक्रम’ यह पहली गश्ती नौका तटरक्षक बल को आपूर्त की गई थी। उसके बाद इसी साल २० जनवरी को ‘आईसीजीएस विजया’ इस गश्ती नौका का जलावतरण किया गया था। उसके बाद २८ अगस्त को तीसरी गश्ती नौका का जलावतरण किया गया था। मार्च २०२१ तक तटरक्षक बल को सभी गश्ती नौकाओं की आपूर्ति की जाने वाली है।

९८ मीटर लम्बी इस गश्ती नौका पर अत्याधुनिक नेविगेशन और संपर्क यंत्रणा लगाई गई है। इसीके साथ ही अत्याधुनिक सेंसर और मशीनरी लगाई गई है। उसीके साथ ही ‘फायर कण्ट्रोल सिस्टम’, ३० एमएम और १२.७ एमएम की गन लगाई है। इंटिग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटिग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएम), ऑटोमेटेड पॉवर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और उच्च क्षमता वाली एस्तेर्नल फायर फाइटिंग (ईएफएफ) यंत्रणा से यह गश्ती नौका सज्जित है। ‘आईसीजीएस वराह’ पर हेलिकॉप्टर भी तैनात हैं। साथ ही चार हाई स्पीड बोट भी होंगी। इस गश्ती नौका की गति २६ समुद्री मील प्रति घंटा इतनी होगी।

तटरक्षक बल में समावेश की जाने वाली इस गश्ती नौका की वजह से समुद्री सुरक्षा अधिक मजबूत होगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

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