पाखंडी वामपंथी विचारधारा द्वारा ब्रिटेन के इतिहास पर होनेवाले हमले रोकना आवश्यक – विदेश मंत्री लिझ ट्रुस का आवाहन

लंडन – ब्रिटेन और ब्रिटेन की जनता को पीछे खींचनेवाला बोझ फेंक देने का समय आया होकर, सांस्कृतिक संघर्ष तथा पाखंडी वामपंथी विचारधारा द्वारा इतिहास पर होनेवाले हमले खत्म करना आवश्यक है, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिझ ट्रुस ने दी। ब्रिटेन के उच्चवर्गीय दायरों में, देश के इतिहास को लेकर शर्म आनी चाहिए, ऐसे स्वरूप के मतप्रवाह व्यक्त हो रहे हैं, उस पर उन्होंने नाराज़गी भी ज़ाहिर की। ब्रिटेन में कुल पिछले कुछ वर्षों में आक्रामक तथा अति वामपंथी गुटों की व्याप्ति तथा कारनामे बढ़ते हुए सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने उसके विरोध में कार्रवाई करने के संकेत दिए होकर, ऐसे गुटों की स्वतंत्र तहकिक़ात भी शुरू कर दी गई है।

britain-leftist-attacksअमरिकी विचारधारा और आंदोलनों के ब्रिटेन में पड़ रहे प्रभाव का मुद्दा पिछले साल से चर्चा में आया है। अमरीका में हुए ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ के प्रदर्शनों को समर्थन देने के लिए ब्रिटेन में भी जुलूस निकाले गए थे। यह बात जुलूसों तक मर्यादित न रहते हुए, ब्रिटेन के गुटों ने देश की युनिवर्सिटीज् तथा ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को लक्ष्य करने की शुरुआत की थी। पिछले साल एक जुलूस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की मूर्ति को विरूपित किया गया था। ब्रिस्टॉल में ब्रिटीश व्यापारी एडवर्ड कोल्स्टन की मूर्ति को उखाड़कर समुद्र में फेंक दिया गया था।

इन घटनाओं की ब्रिटेन के राजनीतिक दायरे समेत विचारको ने गंभीर दखल ली थी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने फरवरी महीने में आक्रामक और अति वामपंथी गुटों की तहकिक़ात करने के आदेश दिए थे। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ इस आंदोलन की तथा उसे समर्थन देनेवाले ब्रिटिश गुटों की आलोचना की थी। इतिहास का पुनर्लेखन करने की भूमिका मान्य नहीं है, यह भी गृहमंत्री पटेल ने कहा था।

विदेश मंत्री ट्रुस ने भी अपने बयान से इसका पुनरुच्चारण किया दिख रहा है। ‘ब्रिटन की जनता को अपने इतिहास को लेकर शर्म करने की जरूरत नहीं है। भूतकाल में घटित घटनाओं को लेकर अब होनेवाले विवाद ब्रिटेन के शत्रुओं की मदद करनेवाले साबित हो रहे हैं। लगातार आत्मनिरीक्षण करके खुद पर दोष लेने का समय खत्म हुआ होकर, अब जागृत होने की ज़रूरत है’, इन शब्दों में ट्रुस ने पाखंडी वामपंथी विचारधारा को लक्ष्य किया। ब्रिटेन में ऐसी विचारधारा द्वारा होनेवाले हमले तथा सांस्कृतिक संघर्ष इनका अंत होना चाहिए, यह भी विदेश मंत्री ट्रुस ने डटकर कहा।

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