नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन के टैंक से हुए रिसाव से २४ लोगों की मौत

नासिक – बुधवार को नासिक के डॉ. झाकीर हुसेन महापालिका अस्पताल में दिल दहला देनेवाली घटना हुई। इस अस्पताल की ऑक्सीजन के टैंक से रिसाव होने के बाद ऑक्सीजन सप्लाई खंडित हुई और इससे अस्पताल के २४ मरीजों की मौत हुई। इस दुर्घटना से सारा देश दहल गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बारे में तीव्र दुख जाहिर किया है। यह दुर्घटना बेचैन करने वाली होकर, मृतकों के परिवारों के प्रति प्रधानमंत्री ने संवेदना व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर शोक जाहिर कर के मृतकों के परिवारों को पाँच लाख की आर्थिक सहायता घोषित की। इस भयंकर दुर्घटना की उच्चस्तरीय जाँच के आदेश दिए गए हैं।

ऑक्सीजन

महाराष्ट्र में कोरोना से हर दिन लगभग ५०० लोगों की मृत्यु हो रही है और ६० हज़ार से भी अधिक नए मरीज पाए जा रहे हैं। बुधवार को भी महाराष्ट्र में ५६८ लोगों ने दम तोड़ा और ६७ हज़ार नए मरीज पाए गए। इन हालातों के कारण राज्य में कोरोना के ऍक्टिव्ह मरीजों की संख्या सात लाख के पार हो चुकी है। मरीजों के लिए बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की सप्लाई इन मोरचों पर स्वास्थ्य यंत्रणा को बड़ा तनाव सहना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में महाराष्ट्र में दहला देनेवाली यह दुर्घटना नासिक के कोविड सेंटर होनेवाले महापालिका अस्पताल में घटित हुई है।

बुधवार को सुबह नासिक के डॉ. झाकीर हुसेन अस्पताल में ऑक्सीजन के मुख्य टैंक के वॉल्व से ऑक्सीजन का रिसाव हो रहा है यह बात ध्यान में आई। उसके बाद यह वॉल्व दुरुस्त करके यह रिसाव रोकने की कोशिश करते समय, क्रॅक्स पड़ा हुआ यह वॉल्व टूट गया। इससे टैंक में होनेवाले लिक्विड ऑक्सीजन का पूरी तरह रिसाव हुआ। उस समय अस्पताल के १५० मरीज ऑक्सीजन पर और कुछ मरीज वेंटिलेटर पर थे।

ऑक्सीजन टैंक का वॉल्व अगले आधे से पौने घंटे में दुरुस्त किया गया। साथ ही, तेज़ी से ऑक्सीजन मंगवाकर यहाँ सप्लाई पहले जैसी की गई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ऑक्सीजन का प्रेशर कम होने के कारण अस्पताल के २४ मरीजों की दम घुटकर दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई।

इसके बाद अस्पताल का परिसर, मृतकों के रिश्तेदारों के आक्रोश से दहल गया। साथ ही, अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के रिश्तेदार भी अस्पताल में दौड़े चले आए। साथ ही, नए मरीज आना जारी होने के कारण अस्पताल में अफरातफरी का माहौल मच गया। घटना की खबर प्रकाशित होते ही देश दहल गया। अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक की देखभाल करने के लिए टेक्नीशियन मौजूद नहीं था, ऐसा सामने आया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए होकर, इस घटना के लिए जिम्मेदार होनेवाले लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी, ऐसा कहा है।

इसी बीच, बिड के आंबेजोगाई में भी, एक अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई खंडित होने से छह लोग मारे जाने की खबर है। मृतकों के रिश्तेदारों से द्वारा, इसके लिए अस्पताल प्रशासन ज़िम्मेदार होने का आरोप किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने यह आरोप ठुकराया है।

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