रशिया की सबसे बडी ईंधन कंपनी ने अमरिकी डॉलर्स में व्यवहार करना बंद किया – आगे से युरो में व्यवहार करने की प्राथमिकता रखी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को: रशिया की सबसे बडी ईंधन कंपनी ‘रोजनेफ्ट’ ने अपने व्यवहारों में से अमरिकी डॉलर्स को हमेशा के लिए बाहर करने का निर्णय किया है| अगस्त महीने में रोझनेफ्ट ने स्वतंत्र निवेदन जारी करके इसके आगे के व्यवहारों के लिए ईंधन के दाम अमरिकी डॉलर्स के बजाए यूरोप में तय करने की बात स्पष्ट की है| इस कंपनी से नियमित ईंधन की खरीद करनेवाली सभी कंपनियों को इस बदलाव के बारे में सुचित किया गया है और अक्टुबर महीने के लिए होनेवाले व्यवहारों में युरो का इस्तेमाल शुरू भी हुआ है|

अप्रैल महीने में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग रशिया की यात्रा के दौरान थे तभी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अमरिकी डॉलर्स संबंधी भविष्य कथन किया था| दुनिया में डॉलर पर होनेवाला भरौसा कम होने लगा है, ऐसा पुतिन ने कहा था| इसके बाद पिछले महीने में ही रशियन वित्तमंत्री ने इसके आगे रशिया बांड की खरीद अमरिकी डॉलर के अलावा अन्य चलनों में करेगी, यह ऐलान किया था| इसके साथ ही रशिया के प्रमुख व्यापारी भागीदार देशों में से एक तुर्की के साथ स्थानिय चलनों में व्यवहार शुरू करने का ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया था|

यह सभी गतिविधियां रशिया अपनी अर्थव्यवस्था से अमरिकी डॉलर्स को पुरी तरह से बाहर करने के संकेत देनेवाली है| रशिया की सबसे बडी ईंधन कंपनी रोझनेफ्ट ने प्रसिद्ध किए निवेदन और ईंधन व्यवहार युरो में ही तय करने संबधी किया निर्णय इसी का अगला स्तर समझा जा रहा है| रशिया ने अपने प्रमुख व्यापारी भागीदार चीन, जापान और यूरोपिय महासंघ के साथ पहले ही डॉलर के अलावा अन्य चलनों में व्यवहार करना शुरू किया है| भारत और तुर्की जैसे देशों के साथ भी स्थानिय चलनों में व्यापार करने का प्रस्ताव रखा गया है|

ईंधन, रक्षा, खेती जैसे क्षेत्रों में भी रशिया दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है| इस वजह से इन सभी क्षेत्रों में होनेवाले अंतरराष्ट्रीय व्यवहारों में अमरिकी डॉलर का हिस्सा कम होना ध्यान आकर्षित कर रहा है| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने लगातार अमरिकी डॉलर के विरोध में बयान करके रशियान अन्य चलनों पर ज्यादा भरौसा रखेगी, यह संकेत भी दिए है| रशिया अपनी अर्थव्यवस्था के लिए चीन के ‘युआन’ और ‘युरो’ पर अधिक से अधिक जोर दे रही है, यह बात भी इससे जुडी खबरों से स्पष्ट हो चुकी है|

पिछले कुछ वर्षों से अमरिकी प्रतिबंधों का लगातार सामना कर रही रशिया ने अमरिका के आर्थिक वर्चस्व के विरोध में आक्रामक कदम उठाए है| इसमें ‘अमरिकी डॉलर’ की अहमियत कम करना यह काफी अहम मुद्दा है| पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रही सोने की विक्रमी खरीद, अन्य देशों के साथ व्यापार में स्थानिय चलनों को दी गई प्राथमिकता और विदेशी मुद्रा भंडार में अन्य चलनों का हिस्सा बढाकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह स्तर प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की हुई दिख रही है| ‘रोझनेफ्ट’ जैसी कंपनीने किया यह निर्णय इसी में से एक है|

‘रोझनेफ्ट’ यह रशिया की सबसे बडी ईंधन कंपनी है और प्रति दिन यह कंपनी २४ लाख बैरल्स ईंधन की निर्यात करती है| यह ईंधन खरीदनेवाले ग्राहकों में क्रुड की सबसे ज्यादा आयात करनेवाले चीन और भारत का समावेश है|

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