अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने धमकाने के बाद चीन और भी आक्रामक – व्यापारयुद्ध में अमरिका को मुंहतोड जवाब देने की तैयारी

Third World Warवॉशिंगटन/बीजिंग: जापान में ‘जी-२०’ बैठक के दौरान चीन समेत व्यापारी बातचीत कामयाब नही होती है तो इस बातचीत के बाद तुरंत ही चीन के ३०० अरब डॉलर्स के उत्पाद पर कर वसुल करना शुरू होगा, यह इशारा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया है| ट्रम्प की इस धमकी पर चीन ने तुरंत ही जवाब दिया है और व्यापारयुद्ध लडने के लिए चीन डर नही रहा, यह चेतावनी चीन ने दी है| ट्रम्प और चीन के नेता लगातार विवादित बयानबाजी कर रहे है| और इस वजह से दोनों देशों में शुरू व्यापारयुद्ध और भी तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

पिछले महीने में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन पर अतिरिक्त कर लगाने के साथ ही एक के पीछे एक कार्रवाई करने का सत्र शुरू किया था| इसमें चीन की कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ करना और करन्सी मॉनिटरिंग के लिए तैयारी सुचि में चीन का समावेश करने का निर्णय हुआ था| साथ ही अमरिका और चीन के बीच नाकामयाब हुई बातचीत के लिए चीन ही जिम्मेदार होने का आरोप करके ट्रम्प ने नए कर लगाने की धमकी भी दी थी|

अमरिका लगातार दबाव बना रहा है और ऐसे में शुरू में चीन ने आक्रामक भूमिका स्वीकार ने से बजाए नरमाई बरती थी| इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चीन व्यापारयुद्ध में हारने के संकेत प्राप्त होना शुरू हुआ था| लेकिन, पिछले तीन हफ्तों से चीन ने नरमाई का रवैया छोडकर आक्रामकता अपनाई है| ‘हुवेई’ पर लगाई पाबंदी के मुद्दे पर चीन ने अमरिका के विरोध में डटकर भूमिका स्वीकारने के बाद चीन ने अब अमरिका को लक्ष्य करने हेतू गतिविधियां शुरू करने की तैयारी पूरी की है|

अमरिकी बांड की खरीद रोकने के संकेत दे रहे चीन ने अपने विदेश मुद्रा भंडार में जमा अमरिकी बांड की मात्रा कम करना शुरू किया है और इस बांड की जगह सोना का भंडार बढाने का कदम बढाया है| मई महीने में चीन ने १५ टन से अधिक सोने की खरीद की है, यह खरीद चीन की नीति में हुआ बदलाव के संकेत दे रही है| साथ ही चीन में मौजूद अमरिकी और अन्य प्रमुख विदेशी कंपनियों की बैठक बुलवाकर उन्हें चीन ने दी समझ भी बातचीत का विषय रही है|

अमरिका ने लगाए करों से अर्थव्यवस्था को लगने वाला झटका ध्यान में रखकर चीन ने अर्थव्यवस्था को गति दिलाने के लिए स्थानिय प्रांतों को विशेष बांड घोषित करके निवेश बढाने की अनुमति दी है| साथ ही आईटी क्षेत्र की अमरिकी कंपनियों पर चीन में प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू हुई है और इसके लिए कानून में प्रावधान किया जा रहा है| चीन की कंपनियों से विकसित हो रही तकनीक इसके आगे अमरिकी कंपनियों को प्राप्त ना हो, इसलिए स्वतंत्र यंत्रणा का भी निर्माण किया जा रहा है, यह दावा चीन के अधिकारियों ने किया है|

एक के पीछे एक हो रही गतिविधियों से इसके आगे अमरिका और चीन में व्यापारयुद्ध अधिक से अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| अमरिका और चीन यह दोनों देश दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्था है| इस वजह से उनके बीच हो रहे व्यापारयुद्ध की गुंज संपूर्ण जागतिक व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुनाई देगी, यह इशारा लगातार दिया जा रहा है और अब इन इशारों की भाषा भी आक्रामक होने लगी है| जॉर्न क्रेमर इस जर्मन वित्तीय विशेषज्ञ ने अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध की बढती तीव्रता यानी वैश्‍वीकरण के सुनहरे दिन खतम होने के संकेत है, यह इशारा स्पष्ट शब्दों में दिया है|

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