अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में बड़ी बढ़ोतरी – गोल्ड रिज़र्वज्‌ तीन दशकों के सर्वोच्च स्तर पर

टोकियो/वॉशिंग्टन – वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में डॉलर्स के मूल्य में गिरावट, बढ़ती महंगाई एवं कोरोना के संकट की पृष्ठभूमि पर विश्‍वभर की केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीद बढ़ाई है। इस वर्ष विश्‍व के अलग अलग सेंट्रल बैंकों ने अपने आरक्षित भंड़ारण में सोने की मात्रा ४०० टन से अधिक बढ़ाई है। इनमें थायलैण्ड, भारत, ब्राज़िल, सिंगापुर, उज़बेकिस्तान और हंगेरी जैसे देशों का समावेश है। थायलैण्ड की सेंट्रल बैंक ने इस वर्ष ९० टन सोना खरीदा है। सेंट्रल बैंकों के रिज़र्व सोने का भंड़ारण अब बढ़कर ३६ हज़ार टन पर जा पहुँचा है और यह वर्ष १९९० के बाद नया रिकॉर्ड है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश एवं वर्ल्ड गोल्ड कौन्सिल ने साझा की हुई जानकारी से सोने की खरीद की ओर झुकाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। सोने की बढ़ती खरीद के लिए अमरिकी डॉलर्स के मूल्य की गिरावट, विश्‍वभर में तेज़ी से बढ़ती महंगाई एवं कोरोना की महामारी प्रमुख कारण रहे हैं। ‘वैश्‍विक अर्थव्यवस्था के नए खतरे एवं बढ़ती महंगाई का सामना करने के लिए सोने का इस्तेमाल सुरक्षित निवेश एवं गिरवी रखने के लिए अहम साधन होता है’, इन शब्दों में हंगेरी की सेंट्रल बैंक के प्रमुख ने सोने की खरीद के पीछे की भूमिका स्पष्ट की। हंगेरी ने इस वर्ष ६३ टन सोना खरीदा है।

थायलैण्ड की सेंट्रल बैंक ने इस वर्ष ९० टन सोना खरीदा है और भारत ने अपने सोने के आरक्षित भंड़ार में ७१ टन सोने की बढ़ोतरी की है। ब्राज़ील ने ६० टन, उज़बेकिस्तान ने ५० टन से अधिक और सिंगापुर ने २६ टन सोना खरीदा। कज़ाकस्तान, रशिया, आयर्लैंड़, पोलैण्ड जैसे देशों ने भी सोने का भंड़ारण बढ़ाया है। पोलैण्ड ने अगले कुछ वर्षों में सोने का भंड़ार १०० टन से बढ़ाने का ऐलान किया है। आयर्लैंड ने वर्ष २००९ के बाद पहली बार सोने का भंड़ार बढ़ाने का ऐलान किया। रशिया ने इस वर्ष ६ टन से अधिक सोने की खरीद की है, यह जानकारी प्रदान की है।

पिछले दशक से विश्‍व की अलग अलग सेंट्रल बैंकों ने सोने का आरक्षित भंड़ार ४.५ हज़ार टन बढ़ाया है। वर्ष २००८-०९ की मंदी ने सोने के भंड़ारों में बढ़ोतरी करने की प्रक्रिया गतिमान करने की बात स्पष्ट हुई है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान अमरिकी डॉलर से संबंधित अनिश्‍चितता बढ़ रही है और चीन, रशिया एवं यूरोपिय देश इसका इस्तेमाल घटा रहे है। इस पृष्ठभूमि पर सोने पर भरोसा बढ़ रहा है और केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ाई गई खरीद इसकी पुष्टी कर रही है।

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