ऑस्ट्रेलिया के ‘ओल्ड पार्लियामेंट हाऊस’ में आगजनी

कैनबेरा – ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबेरा में स्थित ‘ओल्ड पार्लियामेंट हाऊस’ पर हमला करके वहां पर आगजनी करने का भयंकर मामला सामने आया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तो लोकतंत्र पर हमला होने की आलोचना ऑस्ट्रेलिया के नेता कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से अपने सार्वभौम अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी इस हमले के पीछे होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, इस हमले के संदिग्ध हमारा प्रतिनिधित्व नहीं करते, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी नेताओं ने कहा है।

‘ओल्ड पार्लियामेंट हाऊस’पिछले दो हफ्तों से ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी नागरिकों के गुट राजधानी कैनबेरा में अपनी माँगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले २० दिसंबर को ‘पिपल्स ट्रीटि’ नामक गुट ने शांति से प्रदर्शनों का आयोजन किया था। मूल निवासी नागरिकों को उनके सार्वभौम अधिकार मिलें, इस प्रमुख माँग के साथ यह गुट प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन, गुरुवार को पिपल्स ट्रीटि नामक गुट के साथ अन्य कुछ गुटों ने शांति से हो रहे इन प्रदर्शनों में घुसपैठ की, यह दावा कुछ माध्यम कर रहे हैं।

शुरू में पिपल्स ट्रीटि के शांति में हो रहे प्रदर्शनों में शामिल हुए इन घुसपैठियों ने ‘ओल्ड पार्लिआमेंट हाऊस’ के करीब आते ही जोरों से नारेबाजी शुरू की। इसके बाद इन प्रदर्शनकारियों ने इस बिल्डिंग के मुख्य दरवाज़े को आग लगाई। इस घटना के वीडियो सामने आए हैं। इस पूरे मामले को रिकार्ड कर रहे कुछ पत्रकारों पर भी कुछ प्रदर्शनाकरियों ने हमला करने की घटना हुई है। अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

लेकिन, इस पूरे मामले की ऑस्ट्रेलिया में आलोचना हो रही है। वर्ष १९८८ में ऑस्ट्रेलियन सरकार ने ‘ओल्ड पार्लियामेंट हाऊस’ की इमारत बंद करके देश की संसद नई इमारत में शुरू की थी। लेकिन, इसके बाद ओल्ड पार्लियामेंट हाऊस का इस्तेमाल म्युज़ियम के तौर पर हो रहा है। ऑस्ट्रेलियन लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में इस वास्तु को देखा जाता है। ऐसे में इस इमारत पर कुछ सिरफिरों द्वारा किया गया हमला ऑस्ट्रेलियन लोकतंत्र पर हमला होने का गुस्सा कुछ नेता व्यक्त कर रहे हैं।

लोकतंत्र के प्रतीक वाली इमारत को आग लगाना प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं हो सकता, यह एक गुनाह है, ऐसी आलोचना ऑस्ट्रेलिया के जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। गौरतलब है की पिछले कुछ दिनों से अपने सार्वभौम अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे मूल निवासी गुट के वरिष्ठ नेताओं ने यह हमला करनेवाले संदिग्ध हमारें समूदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते, ऐसा कहा है।

ऑस्ट्रेलिया में इस तरह से हिंसक प्रदर्शन काफी विरल बात होने का दावा किया जाता है। लेकिन, कोरोना के दौर में इस तरह के हिंसक प्रदर्शनों की घटनाओं में बढ़ोतरी होने की ओर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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