अफ़गानिस्तान की भूमि का भारत के विरोध में इस्तेमाल होने नहीं देंगे – अफ़गानिस्तान के ‘सीईओ’ अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने किया वादा

नई दिल्ली – भारत को जनतांत्रिक अफ़गानिस्तान की उम्मीद है। वहां पर आतंकियों के लिए स्थान नहीं होगा, इन शब्दों में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने भारत यात्रा पर पहुँचे अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के सामने भारत की भूमिका रखी। इस दौरान अफ़गानिस्तान की भूमि का भारत के खिलाफ़ इस्तेमाल होने नहीं देंगे, यह वादा अब्दुल्लाह ने किया। साथ ही गुरूवार के दिन अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता को भारत का हमेशा समर्थन रहेगा, यह वादा किया।

अफ़गानिस्तान की भूमि

पांच दिनों की भारत यात्रा कर रहे अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने बुधवार के दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से भेंट की। इस दौरान अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियां, अफ़गान-तालिबान शांति प्रक्रिया के मुद्दे पर चर्चा हुई। अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता को भारत का समर्थन होने का बयान अजित डोवल ने इस दौरान किया। इसी बीच आतंकवाद के मुद्दे पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई। भारत ऐसे जनतांत्रिक अफ़गानिस्तान की उम्मीद रखता है जहां पर आतंकवाद को स्थान नहीं होगा, यह बात डोवल ने स्पष्ट की।

इससे पहले अफ़गानिस्तान-तालिबान शांतिवार्ता के उद्घाटन समारोह के दौरान वर्चुअली उपस्थित रहे विदेशमंत्री जयशंकर ने अफ़गानिस्तान की भूमि का भारत के विरोधी गतिविधियों के लिए ना हो, यह इशारा दिया था। डोवल की भेंट करने के बाद अब्दुल्लाह अब्दुल्ला ने रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से चर्चा की। गुरूवार की सुबह अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुसार भारत और अफ़गानिस्तान के संबंध अधिक दृढ़ होंगे, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

इस दौरान दोनों देशों के नेताओं में द्विपक्षीय और प्रादेशिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने प्रधानमंत्री मोदी को कतार में जारी अफ़गान शांतिवार्ता की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। अफ़गानिस्तान की शांतिवार्ता को भारत का समर्थन रहेगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने अब्दुल्लाह अब्दुल्ला को आश्‍वस्त किया। साथ ही हमेशा के लिए युद्धविराम का भारत स्वागत करेगा, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने प्रखरता से बयान की। इस शांतिवार्ता में अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह अफ़गानिस्तान की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

इसी बीच अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह गुरूवार की शाम एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान भारत हमेशा अफ़गानितान का मित्र है और भारत ने दिखाई उदारता का अफ़गानिस्तान ऋणी है, यह बयान अब्दुल्लाह अब्दुल्ला ने किया। साथ ही छाबहार बंदरगाह मध्य और दक्षिणी एशियाई देशों के लिए बड़ा अवसर होने का बयान अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने किया। भारत छाबहार बंदरगाह का विकास कर रहा है, यह कहकर अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने संतोष व्यक्त किया। साथ ही युद्ध में किसी की जीत नहीं होती और शांति के लिए समझौता करने में किसी की हार नहीं होती, यह बयान भी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने किया।

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