३५७ हिंदू और सिख अफ़गानिस्तान से भारत पहुँचे – विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की जानकारी

नई दिल्ली – मार्च महीने से अब तक ३५७ हिंदु और सिख समुदाय के अल्पसंख्यांक शरणार्थी अफ़गानिस्तान से भारत में दाखिल हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यह जानकारी साझा की। मार्च महीने में अफ़गानिस्तान में सिख समुदाय को लक्ष्य करने के लिए बड़ा आत्मघाती हमला किया गया था। तालिबान के आतंकी हमलों में हो रही बढ़ोतरी और अपरण की घटनाओं के कारण अफ़गानिस्तान में अल्पसंख्यांक समुदाय काफ़ी असुरक्षितता महसूस कर रहा है। इसी वजह से वहां के हिंदू और सिख अल्पसंख्यांक शरणार्थी आश्रय लेने भारत पहुँच रहे हैं।

काबूल में सिख समुदाय को लक्ष्य करने के लिए तालिबान ने मार्च महीने में आत्मघाती हमला करके २५ लोगों की हत्या की थी। साथ ही जलालाबाद में किए गए हमले में १४ हिंदू और सिख धर्मी मारे गए थे। इस हमले के बाद अफ़गानिस्तान के हिंदु और सिख समुदाय के नागरिकों ने पनाह के लिए भारत से बिनती की थी। इस पर विचार करके भारत ने उन्हें आश्रय दिया है और आनेवाले दिनों में नागरी संशोधन कानून (सीएए) के तहत उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, ऐसा कहा जा रह है।

अफ़गानिस्तान में अल्पसंख्यांक नागरिकों पर हो रहे हमलों में हुई बढ़ोतरी और इनके अपहरणों के मालमों पर भारत ने चिंता व्यक्त की थी। अफ़गानिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास ने इनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उठाकर इन्हें कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद तय किए गए नियमों का पालन करके भारत लाया है, यह बात अनुराग श्रीवस्तव ने कही है। लॉकडाऊन के बाद अफ़गानिस्तान से अब तक ३५७ हिंदू और सिख शरणार्थी भारत पहुँचे हैं। भारत में मौजूद सिख समुदाय इन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है, यह बात भी अनुराग श्रीवास्तव ने साझा की।

इसी बीच, जुलाई में अफ़गानिस्तान से ११ सिख शरणार्थियों का पहला खेमा भारत पहुँचा था। इसके बाद अफ़गानिस्तान में अल्पसंख्यांक बने हिंदू और सिख शरणार्थियों के अलग अलग खेमें भारत पहुँचे हैं। लगभग तीन दशक पहले अफ़गानिस्तान में हिंदू और सिख धर्मियों की संख्या ढ़ाई लाख थी। लेकिन, बढ़ रहे आतंकवाद और हिंसा की वजह से अब अफ़गानिस्तान में इन्हीं अल्पसंख्यांक परिवारों की संख्या महज़ १,३५० बची है। अब यह नागरिक अफ़गानिस्तान में बने असुरक्षित माहौल की वजह से भारत पहुँच रहे हैं।

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