भारत को ‘एरोस्पेस’ के पहले पांच देशों में शामिल करने का लक्ष्य – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – भारत को रक्षा और एरोस्पेस क्षेत्र में विश्‍व के पांच शीर्ष देशों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, यह बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। बुधवार के दिन दिल्ली में हुए ‘एरो इंडिया २०२१’ के ‘वर्चुअल राऊंड’ के बीच राजनाथ सिंह बोल रहे थे। विश्‍वभर में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए भारत वचनबद्ध है, यह बात भी उन्होनें स्पष्ट की।

india-aerospaceबुधवार के दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कान्फरन्स के माध्यम से अलग अलग देशों के राजदूतों के साथ ‘एरो इंडिया’ पर चर्चा की। भारत ने ‘फोर्थ जनरेशन लड़ाकू विमान’, परमाणु पनडुब्बी, टैंक और अंतर महाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइलों का निर्माण किया है। विश्‍व के काफी कम देश यह क्षमता रखते हैं। इनमें भारत के भी होने की बात रक्षामंत्री ने इस दौरान रेखांकित की।

भारत ने एरोस्पेस क्षेत्र के उत्पादनों के डिज़ाईन से निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी तक सभी स्तरों पर विश्व के पहले पांच देशों में स्थान प्राप्त करे, यह उद्देश्‍य रखा गया है, यह बयान राजनाथ सिंह ने किया है। फ़रवरी महीने में बंगलुरू में होनेवाले एरो इंडिया भारत को डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए उपयुक्त साबित होगा, यह विश्‍वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान व्यक्त किया।

इसी बीच, मई में केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की मर्यादा ४९ प्रतिशत से ७४ प्रतिशत तक बढ़ाई थी। इस वजह से देश में हथियार निर्माण और रक्षा सामान के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कुछ दिन पहले भारत ने रायफल से तोप तक १०१ रक्षा सामान के आयात पर पाबंदी लगाई है। इसकी सहायता से भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। साथ ही भारत के ’मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ’मेक फॉर वर्ल्ड’ का उद्देश्‍य होने की बात रक्षामंत्री ने कुछ दिन पहले ही कही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.