कुर्द विद्रोहियों ने तुर्की के सुरक्षा बल पर किए आत्मघाती हमले

अंकारा – तुर्की के सुरक्षाबल इस्तेमाल कर रहे होटल पर कुर्द महिला विद्रोहियों ने गोलिबारी से आत्माघाती हमला करके सनसनी फैलायी। इस हमले में एक सैनिक मारा गया और दो के घायल होने का दावा किया जा रहा है। अब भी कुछ आत्मघाती कुर्द महिला विद्रोही फरार होने की बात तुर्की की यंत्रणा कह रही है। इराक और सीरिया में स्थित कुर्दों के ठिकानों पर हमले कर रहे तुर्की को पिछले कुछ सालों में पहली बार देश में हुए अंदरुनि हमलों का सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिण तुर्की के मेरसीन शहर के एक होटल में तुर्की के सुरक्षाबल ने ड़ेरा लगाया है। इस होटल की सुरक्षा के लिए तुर्की की पुलिस तैनाती की गई है। सोमवार रात होटल के करीब पुलिस की सुरक्षा चौकी पर कुर्द महिला विद्रोहियों ने गोलिबारी की। साथ ही तुर्की की सुरक्षा बल के दल ने चौकी की ओर दौड़ लगाई और जवाब में उन्होंने महिला विद्रोहियों पर कार्रवाई की। इस दौरान दो हमलावर महिलाएं घायल हुईं।

तुर्की के सुरक्षा सैनिकों को अपनी ओर आते देखकर इन कुर्द महिला विद्रोहियों ने आत्मघाती विस्फोट किया। इन कुर्द महिला विद्रोहियों को लेकर तुर्की की सुरक्षा यंत्रणा अलग-अलग जानकारी साझा कर रहे हैं। इस हमले में दो, तीन और कुछ ठिकानों पर चार विद्रोही महिलाएं शामिल थीं, ऐसा तुर्की की यंत्रणाओं ने कहा है। इनमें से दो आत्मघाती महिलाएं हमले में मारी गयीं और अन्य दो फरार होने की जानकारी सामने आ रही है।

मेरसीन के इस हमले के लिए आतंकी संगठन ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) ज़िम्मेदार होने का आरोप तुर्की के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री सुलेमान सोयलू ने लगाया। देश के भीतर से हुए आतंकी हमलों के पीछे पीकेके होने का आरोप लगाकर तुर्की ने कुर्दों के इस सशस्त्र गुट को आतंकी संगठन घोषित किया था। साल २०१५ तक तुर्की सरकार और पीकेके के बीच युद्धविराम हुआ था।

लेकिन, एर्दोगन की हुकूमत ने पीकेके के समर्थकों पर अमानवीय अत्याचार करने के बाद यह युद्धविराम खत्म हुआ था। इसके बाद तुर्की ने आतंकवाद विरोधि कार्रवाई के नाम से सीरिया, इराक में स्थित कुर्दों की बस्तियों को लक्ष्य किया। इससे कुर्द नागरिक मारे जा रहे हैं, ऐसी आलोचना अमरीका, रशिया एवं नाटो ने की थी। लेकिन, तुर्की ने इन आरोपों को अनदेखा करके कुर्दों पर हमले जारी रखे हैं।

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के समय में कुर्द समूदाय को जानबूझकर इराक, ईरान, तुर्की, सीरिया और आर्मेनिया में बांटा गया। पिछले सात दशकों से इन देशों में बिखरे कुर्द स्वतंत्र कुर्दिस्तान की माँग कर रहे हैं। अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय देशों ने कुर्दों को उनके लिए स्वतंत्र देश बनाने के सपने दिखाए थे। लेकिन, पश्चिमी देशों ने स्वतंत्र कुर्दिस्तान का मुद्दा बाजू मे रखकर विभिन्न सैन्य गतिविधियों हमें इस्तेमाल किया, ऐसा आरोप कुर्द नेताओं ने लगाया था।

लेकिन अब, कुर्दिस्तान के निर्माण के बिना हम शांत नहीं बैठेंगे, ऐसा कुर्दों की विद्रोही संगठन आत्मविश्वास से कहने लगे हैं। पिछले कुछ सालों से कुर्दवंशियों ने इसका संघर्ष तीव्र किया है। इराक में स्थित कुर्द वंशियों ने अपनी बहुसंख्या वाले क्षेत्र को कुर्दिस्तान घोषित किया है और इस प्रांत पर कुर्दों की स्वायत्त सरकार शासन कर रही हैं। साथ ही इस प्रांत की सुरक्षा का ज़िम्मा इराकी सैनिकों पर नहीं, बल्कि कुर्दों के सशस्त्र गुट पर है। आतंकी संगठन ‘आयएस’ को खदेड़नेवाले और ड़टकर लड़नेवाले संगठन ड़टकर लड़ने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन, ईरान, सीरिया और तुर्की के कुर्द संगठनों को विभिन्न कारणों से इस तरह की जंग शुरू करना मुमकिन नहीं हुआ। लेकिन, तुर्की में हमले को अंजाम देकर कुर्द संगठन इस देश को कड़ी चेतावनी देती दिख रही है।

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