कोरियन क्षेत्र में न्यूक्लिअर क्रायसिस : चिनी मुखपत्रों की चेतावनी

बिजींग, दि. २२ (वृत्तसंस्था) – १९६० के दशक में क्युबा में जिस तरह की स्थिति निर्माण हुई थी, वैसा ही परमाणु संकट दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनाती से निर्माण होगा| अमेरिका अगर यह प्रक्षेपास्त्र भेदक सिस्टिम तैनात करती है, तो फिर ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ की सहायता से इसे नष्ट किया जाएगा, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी मुखपत्रों ने दी हैं|

korea-thaadअमरीका और दक्षिण कोरिया ने ८ जुलाई को ‘थाड’ प्रक्षेपास्त्र भेदक सिस्टिम तैनात करने की अहम घोषणा की थी| उत्तर कोरिया के बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्रों को जवाब देने के लिए ‘थाड’ की तैनाती आवश्यक है, ऐसा अमरीका और दक्षिण कोरिया ने स्पष्ट किया था| इस सिस्टम की तैनाती के लिए दक्षिण कोरिया ने छ: स्थान निश्‍चित किये हैं|

इस पृष्ठभूमि पर गुरुवार को चीन के सरकारी मुखपत्रों द्वारा, ‘थाड’ की तैनाती को लेकर अमरीका और दक्षिण कोरिया को धमकियाँ दी गयीं| ‘थाड की तैनाती इस क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव ड़ाल सकती है| इस कारण ‘क्युबन मिसाईल क्रायसिस’ जैसी स्थिति इस कोरियन क्षेत्र में निर्माण हो सकती हैं’ ऐसा ‘चायना डेली’ ने धमकाया|

पाच दशकों पहले अमरीका और सोवियत रशिया में चल रहे शीतयुद्ध की पृष्ठभूमि पर, सन १९६२ में सोविएत रशिया ने अमरीका की दक्षिणी ओर के कॅरेबियन देश ‘क्युबा’ में परमाणु बम तैनात किये थे| इस तैनाती के बाद उस क्षेत्र में परमाणु संघर्ष भड़कने का ख़तरा निर्माण हो गया था|

सोविएत रशिया द्वारा की गई इस तैनाती का क़रारा जवाब देने के लिए अमरीका ने क्युबा को घेर लिया| साथ ही, सोविएत रशिया के दक्षिणी पड़ोसी तुर्की में भी प्रक्षेपास्त्र तैनात किए गये थे| वहीं, सोविएत रशिया अगर क्युबा से अपने प्रक्षेपास्त्र नहीं निकाल लेता, तो परमाणु संघर्ष भड़क उठेगा, ऐसी धमकी अमरीका ने दी थी| परमाणु संघर्ष की संभावना से ही पुरी दुनिया काँप उठी थी| इस घटना का उदाहरण देते हुए चीन के समाचारपत्रों ने अमरीका को, दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनात करने पर पुनर्विचार करने की सूचना की है|

korea-thaad‘थाड की दक्षिण कोरिया में तैनाती चीन की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है| साथ ही, कोरिया को परमाणुमुक्त करने के प्रयासों को भी नुकसान पहुँच सकता है| इसीके साथ, इस तैनाती के कारण चीन और दक्षिण कोरिया के संबंधो में दरार पैदा हो सकती है और चीन और उत्तर कोरिया के संबंध बेहतर बन सकते हैं, ऐसी चेतावनी चीन के विशेषज्ञों ने दी|

सोमवार को उत्तर कोरिया ने तीन बॅलिस्टिक प्रक्षेपास्त्रों का परीक्षण किया| उत्तर कोरिया का यह परीक्षण संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन करनेवाला है, ऐसी आलोचना दक्षिण कोरिया और पश्‍चिमी देशों ने की थी| साथ ही, पाँचवे परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहे उत्तर कोरिया को पश्‍चिमी देशों ने एक और चेतावनी दी थी| लेकिन उत्तर कोरिया के इस प्रक्षेपास्त्र प्रक्षेपण पर चीन द्वारा कोई बयान जारी नहीं किया गया है|

पिछले दो सालों में चीन ने, उत्तर कोरिया के नये तानाशाह किम जॉंग-उन की नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए, ‘उत्तर कोरिया इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है’ ऐसा आरोप किया था| लेकिन चार दिन पहले किये गए इस प्रक्षेपास्त्र प्रक्षेपण पर चीन द्वारा साधे गये मौन से, इस प्रक्षेपण को चीन द्वारा मूक संमती दी गई, ऐसा प्रतीत होता है|

दक्षिण कोरिया से भी ‘थाड’ की तैनाती को कड़ा विरोध किया जा रहा है| गुरुवार को हज़ारो लोगों द्वारा राजधानी सेऊल में, राष्ट्राध्यक्षा पार्क के फैसले के खिलाफ़ प्रदर्शन किये गए| अमरीका की सिस्टिम दक्षिण कोरिया में तैनात न की जायें, ऐसी माँग करते हुए यह प्रदर्शन किये गए| लेकिन दक्षिण कोरिया की सरकार और सेना के अधिकारी, ‘इस सिस्टिम की तैनाती देश की सुरक्षा के लिए अहम है’ ऐसा दावा कर रहें हैं|

इसी दौरान, चीन की तरह रशिया ने भी अमरीका की ‘थाड’ तैनाती पर नापसंदगी दर्शायी थी| अमरीका इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है, ऐसी आलोचना रशिया ने की थी|

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