अफ़गानिस्तान आत्मघाती विस्फोट में ८१ की मौत; २३१ घायल

काबूल, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – पूरे अफ़गानिस्तान को हिलाकर रखनेवाले, काबूल में हुए आत्मघाती विस्फोट में ८१ लोगों की मौत हुई और २३१ लोग घायल हुए| ‘हझारा’ समुदाय द्वारा निकाले गए मोरचे में यह विस्फोट हुआ, जिसकी जिम्मेदारी का स्वीकार ‘आयएस’ने किया है|

ISIS-loyalists-Afghanistan‘आयएस’ ने अफ़गानिस्तान में किया हुआ यह पहला आतंकी हमला है| अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस विस्फोट का कड़े शब्दों में निषेध किया|

तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान में किये गए उर्जा सहयोग के खिलाफ़ ‘हझारा’ समुदाय ने इस आंदोलन का आयोजन किया था| ५०० किलोवॅट के इस उर्जाप्रकल्प के लिए बिछाई जानेवाली पाइपलाईन, इस समुदाय के इलाके से गुज़रनेवाले है| ऐसा न करते हुए, इस पाइपलाईन को ‘बामियान’ से निकाला जायें, यह माँग करने के लिए इस मोरचे का आयोजन किया था| यह मोरचा राजधानी काबूल के ‘देहमझांग’ इलाके में पहुँचते ही हुए इस विस्फोट में ८१ लोग मारे गए|

स्थानीय समाचारवाहिनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तीन आत्मघाती हमलावर इस मोरचे में शामिल हुए थे| इनमें से पहले हमलावर ने यह विस्फोट किया| वहीं, दुसरे आतंकी को विस्फोट करने से पहले ही पुलीस ने उसे गोली मार दी| तीसरा आतंकी विस्फोट करने में असफल रहा| इस तीसरे आतंकी के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है| इस हमले में ज़ख़्मी हुए नागरिकों में से कुछ नागरिकों की हालत गंभीर बतायी जा रही है; इस कारण, मरनेवालों की तादात बढ़ने की आशंका जताई जाती है|

kabul-blast- आत्मघाती विस्फोट

ऐसे हमलों के लिए ‘तालिबान’ कुख्यात माना जाता है| इसलिए इस हमले के बाद भी तालिबान की ओर ही सन्देह से देखा जा रहा था| लेकिन कुछ ही मिनटों में तालिबान का प्रवक्ता झबीउल्ला मुज़ाहिद ने, ‘इस हमले से तालिबान का संबंध नही है’ ऐसा स्पष्ट किया| वहीं, ‘आयएस’ ने इस हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार किया होने की जानकारी, इस आतंकी संगठन ने से जुड़ी ‘अमाक’ नामक एजन्सी प्रकाशित की|

पिछले कुछ महीनों से, ‘आयएस’ के आतंकी अफ़गानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं, ऐसी खबरें प्रकाशित हो रही हैं| तालिबान के नेतृत्व पर नाराज़ कमांडर्स भी, अफगान तथा पाकिस्तान में इस संगठन में शामिल हो रहे हैं| इनमें तालिबान के वरिष्ठ कमांडर्स भी होने की जानकारी उजागर हुई है|

लेकिन पिछले डेढ़ साल में पहली ही बार ‘आयएस’ ने अफ़गानिस्तान में इतना बड़ा हमला किया है| शनिवार को हुआ यह हमला यानी अफ़गानिस्तान की सुरक्षा को ‘आयएस’ द्वारा दी गयी नयी चुनौती ही मानी जा रही है|

इसी दौरान, अफ़गानिस्तान सरकार ने इस हमले की निंदा की है| इस आंदोलन पर आतंकी हमले का खतरा है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई थी| इसलिए यह आंदोलन रद करने का आवाहन भी किया गया था| साथ ही, राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने, ‘हझारा’ समुदाय की माँग पर चर्चा करने की तैयारी भी दर्शायी थी| वैसी सूचना भी ‘हझारा’ समुदाय के नेताओं को दी गई थी, ऐसी जानकारी राष्ट्राध्यक्ष गनी के प्रवक्ता ने दी|
गनी सरकार के समर्थक माने जानेवाले ‘हझारा’ समुदाय पर हमला करके आतंकी संगठन, अफ़गानिस्तान में पंथीय संघर्ष भड़काने की कोशिश में हैं, ऐसा आरोप अफ़गानिस्तान की सरकार ने किया है|

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