स्थानांतरितों का स्वीकार नहीं किया, तो फ़्री ट्रेड़ भूल जाओ : फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की ब्रिटन को चेतावनी

पॅरिस, दि. २३ (वृत्तसंस्था) – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष फ्रँकोईस हॉलांदे ने ब्रिटन को कड़े शब्दो में चेतावनी दी है कि यदि ब्रिटन युरोपीय महासंघ स्थित नागरिकों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगाता है, तो अन्य घटकों का समावेश रहनेवाले ‘मुफ्त बाजार’ (फ़्री ट्रेड़) को भी उसे भूलना पड़ेगा| वहीं, ‘ब्रेक्झिट’ की वजह से फ्रान्स और ब्रिटन के बीच के द्विपक्षीय सहयोग में बदलाव नहीं आयेगा, ऐसे शब्दों में हॉलांदे ने ब्रिटन को आश्‍वस्त भी किया|

UK-France-meeting-Paris- फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष

ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की भेंट के दौरान, फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने ‘मुफ्त बाज़ार’ के मसले पर चेतावनी देने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ब्रिटीश नेतृत्व को इस मसले पर युरोपीय महासंघ के साथ कड़ा संघर्ष करना पडेगा|

ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने, अपने पहले ही विदेश दौरे में युरोपीय महासंघ के प्रमुख सदस्य देश रहनेवाले जर्मनी और फ्रान्स की भेंट की| ‘ब्रेक्झिट’ के बाद ब्रिटन और युरोपीय महासंघ में शुरू होनेवाली बातचीत की पृष्ठभूमि पर यह दौरा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है| युरोपीय महासंघ द्वारा ‘ब्रेक्झिट’ की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की माँग हो रही है| लेकिन ब्रिटन की प्रधानमंत्री मे को, जर्मनी और फ्रान्स इन दोनों देशों से, इस साल के अंत तक कालमर्यादा बढ़ा लेने में सफलता मिली है|

यह नये ब्रिटीश नेतृत्व की राजनीतिक सफलता मानी जा रही है| लेकिन फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी के बाद, ब्रिटन को अन्य मसलों पर युरोपीय महासंघ के साथ कड़ा संघर्ष करने की नौबत आने के संकेत मिलने लगे हैं| ‘ब्रेक्झिट’ के बाद युरोपीय महासंघ से होनेवाली बातचीत में, ‘सिंगल मार्केट’ और रोज़गार के लिए होनेवाला स्थानांतरण ये महत्त्वपूर्ण मुद्दे होने की बात पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी| ‘ब्रेक्झिट’ पर अभियान छेडनेवालों ने, स्थानांतरण के मुद्दे को लक्ष्य बनाते हुए, ब्रिटीश जनता का मतपरिवर्तन करने में अहम भूमिका निभायी थी| ब्रिटन के नये सरकार में कार्यरत मंत्रिगणों ने भी दोनो मसले निर्णायक होने का दावा किया था|

इसी पृष्ठभूमि पर, फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे को, संवाददाता संमेलन में इस मसले पर खुले आम चेतावनी देना, यह खलबली मचानेवाला साबित हो रहा है| ‘मुफ्त बाजार काफी महत्त्वपूर्ण मसला है| यह मसला बातचीत में प्राथमिकता से सामने आयेगा| ब्रिटन को आज मुफ्त बाजार का अधिकार है, क्योंकि उन्होंने चार घटकों की स्वतंत्रता (फोर फ्रीडम्स) को मान्यता दी है| अगर आगे भी उनको मुफ्त बाजार चाहिए, तो अन्य घटकों का पालन कैसे होगा, इसके बारे में फैसला ब्रिटन को ही करना है’ इन शब्दों में फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने ब्रिटन के प्रधानमंत्री को फटकार लगायी|

उन्होंने आगे यह भी डटकर कहा किे युरोपीय महासंघ के मुफ्त बाजार से संबंधित चारों घटक एकदूसरे से जुड़े हुए हैं, उन्हें अलग नहीं किया जा सकता| स्थानांतरितों को यदि एक देश से दूसरे देश जाने की स्वतंत्रता नहीं होगी, तो पूंजी, सेवा और उत्पादों को भी वैसी स्वतंत्रता नहीं मिलेगी| विकल्प ब्रिटन को चुनना है| मुफ्त बाजार में रहते हुए स्थानांतरितों और अन्य घटकों का आवागमन मान्य करना या फिर अलग दर्जा पाना|

‘ब्रेक्झिट’ प्रक्रिया शुरू करने के मसले पर भी हॉलांदे ने, ब्रिटीश प्रधानमंत्री की कालमर्यादा को बढाने की माँग मंजूर करते हुए कहा की उसपर अधिक स्पष्टीकरण मिलना जरूरी है| ब्रिटन और फ्रान्स के दरमियान के ‘कॅले’ क्षेत्र में ब्रिटीश एजन्सियों द्वारा जाँच पड़ताल की जाने के बारे में दोनो नेताओं में सहमती हुई है| उसी समय, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने, फ़्रान्स में रहनेवाले ब्रिटीश नागरिकों के अधिकार कायम रखने का वादा भी किया|

इसी दौरान, ‘ब्रेक्झिट’ की वजह से ब्रिटन की अर्थव्यवस्था में गिरावट आने की चिंता को युरोपिअन सेंट्रल बँक द्वारा ख़ारिज़ कर दिया गया है| इस मसले पर पहले दी गयीं चेतावनियाँ, यह सावधानी बरतने की कोशिश थी, ऐसा खुलासा युरोपिअन सेंट्रल बँक के प्रमुख मारिओ द्रागी ने किया है|

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