इस्रायल ने ईरान पर कार्रवाई करने के लिए बढ़ाई गतिविधियाँ – इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख मेजर जनरल कोशावी

जेरूसलम – ‘ईरान में कार्रवाई करने के लिए इस्रायल ने अपनी गतिविधियों की तीव्रता बढ़ाई है। हाल ही में घोषित किए गए रक्षाखर्च का बड़ा हिस्सा इसके लिए आरक्षित किया गया है। यह कार्रवाई बड़ी जटिल, गुप्तचर यंत्रणा के लिए कसौटी से भरी होगी और इसके लिए अधिकाधिक हथियारों की आवश्‍यकता निर्माण हो सकती है’, यह दावा इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख मेजर जनरल अविव कोशावी ने किया। साथ ही खाड़ी क्षेत्र में ईरान का प्रभाव कम करना भी इस्रायल का उद्देश्‍य होने का बयान मेजर जनरल कोशावी ने किया।

israel-jets-01पूरे विश्‍व का ध्यान फिलहाल अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियों पर लगा हुआ है। इसी का लाभ उठाकर येमन की हौथी एवं लेबनान की हिज़बुल्लाह और गाज़ापट्टी की हमास जैसी ईरान से जुड़ी आतंकी संगठनों ने अपनी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। हौथी ने सौदी के र्इंधन प्रकल्प एवं लष्करी अड्डों पर बैलेस्टिक मिसाइल से हमले किए। तो हिज़बुल्लाह और हमास के इस्रायल की सीमा पर हमले हो रहे हैं। लेकिन, ईरान और ईरान से जु्ड़े गुटों की हरकतों को इस्रायल ने बिल्कुल नजरअंदाज नहीं किया है, यह बयान रक्षाबलप्रमुख मेजर जनरल कोशावी ने इस्रायली वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार के दौरान किया।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना इस्रायल का प्रमुख उद्देश्‍य होने की बात भी कोशावी ने कही। इसके लिए इस्रायल ने अपनी गुप्तचर यंत्रणा की गतिविधियाँ अधिक व्यापक करके लष्करी तैयारी गतिमान की है, यह जानकारी भी उन्होंने साझा की। ‘ईरान को परमाणु हथियारों से सज्जित होने से रोकना ही इस्रायल के सामने एकमात्र उद्देश्‍य नहीं है। बल्कि, खाड़ी क्षेत्र के ३६० डिग्री अंश में ईरान का प्रभाव कम करना भी इस्रायल का उद्देश्‍य है’, ऐसा कोशावी ने कहा है।

.israel-jetsइसके लिए सीरिया में मौजूद ईरान और ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों पर हुई कार्रवाई का भी ज़िक्र इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख ने किया। इस्रायल की सेना ने हवाई हमले करके सीरिया की सीमा से इस्रायल की सुरक्षा के लिए खतरे को कुछ मात्रा में कम किया है। लेकिन, हमास और हिज़बुल्लाह की तरह खाड़ी क्षेत्र के अन्य हिस्सों में ईरान का प्रभाव कम करने के लिए इस्रायल की कोशिश जारी होने की जानकारी मेजर जनरल कोशावी ने प्रदान की।

इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख ने ईरान को दिया इशारा बड़ी अहमियत रखता है। कुछ दिन पहले इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने ईरान को परमाणु सज्जित होने से रोकने के लिए इस्रायल को लष्करी कार्रवाई करनी पड़ेगी, यह इशारा दिया था। ईरान अगले दो महीनों में परमाणु बम का निर्माण करेगा, यह दावा भी गांत्ज़ ने किया था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गतिविधियों पर तीव्र चिंता जताई थी। ऐसी स्थिति में, इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई तीव्र करने के मुद्दे पर दिया हुआ इशारा अहमियत रखता है।

इसी बीच इस्रायल और अमरीका की नौसेनाओं ने बीते हफ्ते रेड सी क्षेत्र में युद्धाभ्यास किया था। यह युद्धाभ्यास ऐतिहासिक होने का बयान दोनों देशों की नौसेनाओं ने किया था। इसमें अमरीका की ‘फिफ्थ फ्लीट’ के युद्धपोत भी शामिल हुए थे।

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