कश्मीर की नियंत्रण रेखापर पाकिस्तान की तैनाती में बढोतरी

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने कश्मीर की नियंत्रण रेखा के नजदिकी क्षेत्र में सैनिक एवं तोंपों की तैनाती बढाने का निर्णय किया है| जम्मूकश्मीर संबंधी भारत ने किए निर्णय के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहीम शुरू करने की कोशिश पाकिस्तान ने करके देखी| यह कोशिश काफी नाकाम साबित होने पर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष तीव्र करके कश्मीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश शुरू हुई है, यह विश्‍लेषकों का कहना है| साथ ही पाकिस्तान में सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का प्रभाव कम करने के लिए भारत के साथ बने तनाव में बढोतरी करने की साजिश पाकिस्तान की सरकार और सेना ने की है, यही संकेत प्राप्त हो रहे है|

पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर शुरू की हरकतें और गतिविधियों का पुरा ब्यौरा भारतीय सेना ने केंद्र सरकार के सामने रखा है| इस रपट में पाकिस्तानी सेना की संभावित हरकतों का भी स्पष्ट तौर पर जिक्र किया है, यह कहा जा रहा है| नियंत्रण रेखापर गोलिबारी एवं तोंप का हमला करके पाकिस्तान की सेना कश्मीर मुद्दे की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, इस की जानकारी भी रपट में दर्ज की गई है| पर, इस स्थिति के लिए भारत ही जिम्मेदार होने का ढिंढोरा पिटना पाकिस्तान ने अभी से शुरू किया है| इसी पृष्ठभूमि पर भारत सरकार ने सेना से प्राप्त हुआ यह रपट अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखने की तैयारी की है, यह दावा भी कुछ वृत्तसंस्थाओं ने अपने सूत्रों के दाखिले से किया है|

भारतीय सेना की इस रपट के अनुसार पाकिस्तान ने कश्मीर की नियंत्रण रेखा के निकट अपनी सेना के स्पेशल सर्व्हिस ग्रुप(एसएसजी) के अतिरिक्त दो हजार सैनिक तैनात किए है| नियंत्रण रेखा के निकट पाकिस्तान के ९० हजार सैनिक पहले से तैनात है| इसके साथ ही जम्मूकश्मीर में भारतीय सेना की चौकियों पर हमला तीव्र करने के लिए पाकिस्तान ने तोंपों की तैनाती भी बढाई है| इसके जरिए वहां पर तनाव बढाकर आतंकियों को घुसपैठ करने के लिए सहायता करने की पाकिस्तान की साजिश होने की बात इस रपट में दर्ज की गई है|

फिलहाल पाकिस्तान में शुरू सियासी समस्या से बाहर निकलने के लिए कश्मीर समस्या का इस्तेमाल करने की तैयारी पाकिस्तान की सरकार और सेना कर रही है, यह बात इस दौरान सामने आ रही है| मौलाना फझलुर रेहमान राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रहे है और इस वजह से प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार को झटके लग रहे है| यह सरकार गिराए बिना पीछे नही हटेंगे, ऐसा फझलुर रेहमान और उनके समर्थक डटकर कह रहे है| अन्य विपक्षी दलों ने भी उन्हें समर्थन देने से पाकिस्तान की सरकार के सामने खडी मुश्किलों में बढोतरी हुई है|

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