आतंकवाद को लेकर दोगलापन ना दिखाए – अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत का निवेदन

बाकू: ‘आतंकवाद से सिर्फ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा नही है, बल्कि विकास की प्रक्रिया के लिए भी खतरा बनता है| इस वजह से आतंकवाद के विरोध में लडने की भाषा और इस मोर्चे पर हो रही कृति में समन्वय होना ही चाहिए| अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद को लेकर दोगली भूमिका अपना नही सकता, ऐसा भारत के विदेशमंत्री एसजयशंकर ने कहा है| अझरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित अलिप्ततावादी देशों की नाम परिषद में विदेशमंत्री जयशंकर बोल रहे थे|

सीधे नाम का जिक्र किए बिना विदेशमंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान की आतंकी निती पर कडा हमला किया| आज के दौर में आतंकी हरकतों को सीमा के उस पार से प्राप्त हो रही सहायता और विद्वेषी विचारधारा के प्रचार करने के लिए आधुनिक तकनीक के हो रहे इस्तेमाल से कोई भी देश आतंदवा से सुरक्षित नही रहा है, इस ओर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया| ऐसी स्थिति में सभी देश आतंकवाद के विरोध में डटकर भूमिका अपनाकर इस समस्या का एकता के साथ मुकाबला करना जरूरी हुआ है| पर, आतंकवाद के विरोध में अपनी भाषा और कृति के बीच समन्वय होना जरूरी है, यह फटकार भी जयशंकर ने लगाई|

अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के मुद्दे पर दोगली भूमिका अपना नही सकता, ऐसा भारत के विदेशमंत्री ने डटकर कहा| पिछले कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्रसंघ आतंकी संगठनों के विरोध में कडी कार्रवाई करें और इस विषय में और भी कडे कानून करें, यह मांग भारत रख रहा है| पर, इसपर संयुक्त राष्ट्रसंघ में सहमति नही बनी है| एक देश में आतंकी हमलें करनेवाली संगठनों की रक्षा दुसरा देश करता है, यह बात आतंकवाद विरोधी लडाई के लिए मारक साबित होती है, इस ओर भारत ने लगातार ध्यान आकर्षित किया है| पर, अभी भी इस मोर्चे पर ज्यादा तरक्की नही हुई है| इस पृष्ठभूमि पर बाकू में हो रही नाम की परिषद में विदेशमंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के विरोध में आक्रामक भूमिका रखी|

आतंकवादी सीमा के उस पार कर रही कार्रवाईयां और आतंकियों को किसी देश से प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता जैसे मुद्दों का प्रभावी तौर पर जिक्र करके अपने भाषण में विदेशमंत्री ने पाकिस्तान को लक्ष्य किया| पिछले कुछ महीनों से भारत हर एक अंतरराष्ट्रीय परिषद में आतंकवाद के विरोध में कडी भूमिका रखकर पाकिस्तान की पोलखोल कर रहा है| पाकिस्तान यह आतंकवाद को बढावा देनेवाला देश है और भारत को अन्य देशों की तरह आम पडोसी प्राप्त नही हुआ है, इसका एहसास भारत पुरी दुनिया को दे रहा है| इसीलिए पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत करने के लिए भारत उत्सुक नही है और इस देश के साथ सभी स्तरों पर भारत ने सहयोग रोक रखा है| इसके आगे भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान को ना देने का कडा निर्णय भारत सरकार ने किया है| इसे पाकिस्तान की आतंकी निती जिम्मेदार है, यह पृष्ठभूमि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रख रहा है| इसे प्रमुख देशों से सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है और अमरिका ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान के कान खिंचे है|

पाकिस्तान को भारत से बातचीत करनी है तो पहले आतंकवाद बंद करना होगा, यह चेतावनी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को दी है| साथ ही पाकिस्तान लष्कर ए तोयबा और जैश ए मोहम्मद इन आतंकी संगठनों को सहायता प्रदान कर रहा है, यह आरोप भी अमरिका के विदेश मंत्रालय के उपमंत्री एशले वेल्स ने रखा है|

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