चीन के रक्षादलों पर कम्युनिस्ट पक्ष की मजबूत पकड जरूरी – राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग: चीन के रक्षादल युद्ध की तैयारी एवं नई चुनौतियों के लिए तैयार रहें, यह निवेदन करने के साथ ही उनपर सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी की मजबूत पकड रहना जरूरी है, यह बात राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने दोहराई है| पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग लगातार रक्षादलों को कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एकनिष्ठ रहने के एवं पार्टी के ही आदेशों का पालन करने का निवेदन कर रहे है| जिनपिंग के इस बयान के पीछे देश पर अपनी पकड मजबूत करने के साथ ही जनता के मन में बने असंतोष एवं अस्थिरता का मुकाबला करने के लिए सेना को मुठ्ठि में रखने की जरूरत होने की बात विश्लेषक कह रहे है|

चीन के रक्षादलों की नींव होनेवाले आम स्तर के सैनिकों को अलग अलग मुहीमों के दौरान नई स्थिति एवं बदलाव का सामना करना पड रहा है| इसमें सामाजिक स्थिति के साथ लष्करी रचना, दैनंदिन कार्यपद्धती का भी समावेश है| रक्षादलों में कनिष्ठ स्तर के आम सैनिकों की टुकडियां ही इन दलों की असली नींव है| इसमें मजबूती एवं अनुशासन रखनी है तो उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के मजबूत पकड में रहना काफी जरूरी है, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने चीन के रक्षादलों की निष्ठा सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी से होना जरूरी होने की बात स्पष्ट की|

सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी ने रक्षादलों पर बनाई पकड के विषय में बोलने के साथ ही जिनपिंग ने अपनी भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम का भी जिक्र किया| वर्ष २०१३ में चीन के राष्ट्राध्यक्ष पद स्वीकारनेवाले जिनपिंग ने देश में भ्रष्टाचार के विरोध में व्यापक मुहीम शुरू की थी| इसके बाद दो वर्षों में करीबन दो लाख से भी नेता, सदस्य एवं लष्करी अफसरों पर कार्रवाई की थी| इसमें चीन की सेना के वरिष्ठ अफसरों का भी समावेश था| इस मुहीम का जिक्र करते समय जिनपिंग ने अब यह मुहीम सेना के कनिष्ठ सैनिकों तक विस्तारित करने की जरूरत होने का निवेदन किया|

जिनपिंग ने भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू की मुहीम पक्ष में मौजूद अपने विरोधकों को खतम करने की साजिश होने का आरोप चीन से जुडे विश्लेषक एवं अभ्यासकों ने किया था| चीन की सेना में कनिष्ठ स्तर पर वेतन एवं अन्य कुछ मुद्दों पर असंतोष होने की खबर पिछले कुछ वर्षों में सामने आयी थी| इस वजह से भ्रष्टाचर विरोधी मुहीम निचले स्तर तक चलाकर यह असंतोष कुचलने की कोशिश जिनपिंग कर सकते है, यह समझा जा रहा है| पिछले वर्ष पक्ष में अपने नेतृत्व पर सवाल किया जा रहा था तभी जिनपिंग ने रक्षादल एवं उनपर होनेवाले कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण का मुद्दा आगे किया था|

चीन के रक्षादलों में कम्युनिस्ट पार्टी का नेतृत्व अधिक मजबूत करना होगा| चीन के रक्षादलों पर हमेशा सत्तापक्ष कम्युनिस्ट दल का पूरा नियंत्रण रहेगा, इसके लिए ध्यान रखना होगा| रक्षादलों में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति होनेवाली निष्ठा यही उनकी असली नींव रहनी होगी, इन शब्दों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने चीन के रक्षादलों को सत्तापक्ष कम्युनिस्ट पार्टी के साथ निष्ठा रखने का निवेदन किया था|

फिलहाल चीन दुनिया में दुसरे क्रमांक का सबसे अधिक रक्षाखर्च करनेवाला देश है और वर्ष २०१९ में इस देश ने १७० अरब डॉलर्स का रक्षा बजट पेश किया था| हाल ही में हुएनैशनल डेके समारोह में भी चीन की सेना ने प्रगत मिसाइल, ड्रोन्स, स्टेल्थ विमान के माध्यमों से अपने रक्षा सामर्थ्य का प्रदर्शन किया था| इससे पहले इस वर्ष के शुरू में भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने सेना को आकस्मिक खतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने का निवेदन किया था|

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