चीन की अर्थव्यवस्था संकट में होने की बात राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कबूल कर दी

बीजिंग – चीन के कई उद्योग मुश्किल में हैं और नौकरी तलाश रहे नागरिकों के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध नहीं हो सके हैं, इन शब्दों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अर्थव्यवस्था के संकट होने की कबुली दी है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने देश के सामने खड़ी आर्थिक समस्याओं का ज़िक्र करने का यह पहला अवसर बना हैं। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के बयान की वजह से विश्व में दूसरें क्रमांक की अर्थव्यवस्था बने चीन में आर्थिक स्तर पर बड़ी उथल पुथल होने के दावों की पुष्टि होती दिख रही है।

चीन की अर्थव्यवस्था संकट में होने की बात राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कबूल कर दीपिछले महीने चीन की अर्थव्यवस्था को एक साल में तीसरी बार ‘डिफ्लेशन’ से नुकसान पहुंचने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद पिछले हफ्ते के अन्त में ‘नैशनल ब्युरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ ने चीन के उत्पादन क्षेत्र में भारी गिरावट होने की जानकारी प्रधान की थी। एक के बाद एक सामने आए इन आँकड़ों ने चीन की अर्थव्यवस्था संभलकर सामान्य होने की संभावना खत्म होने के संकेत दिए थे। अब यह कहा जा रहा है कि, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने नए साल की पृष्ठभूमि पर किए बयान ने इस पर मुहर लगाई है।

‘देश के सामने कुछ समस्याएं हैं। चीन के उद्योगों को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा हैं। कई लोगों को नौकरी तलाश ने में मुश्किल हो रही है। कुछ लोगों को अपनी बुनियादी ज़रूरते पुरी करना भी मुमकिन नहीं रहा है’, इन शब्दों में जिनपिंग ने चीन की अर्थव्यवस्था के सामने खड़े संकट की कबुली दी है। चीन की अर्थव्यवस्था संकट में होने की बात राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कबूल कर दीहमें इन चुनौतियों का पूरा अहसास है और अर्थव्यवस्था सामान्य होने की प्रक्रिया अधिक गतिमान और मज़बूत करने की कोशिश करेंगे, यह दावा भी चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

पिछले दशक तक तेज़ आर्थिक प्रगति करती रही चीनी अर्थव्यवस्था फिलहाल लगातार गोते खाती देखी जा रही है। अमेरिका विरोधी व्यापार युद्ध और कोरोना के फैलाव की पृष्ठभूमि पर चीन की अर्थव्यवस्था की कमज़ोरी सामने आयी है। चीन ने लगभग तीन दशक तक चलाए आर्थिक प्रगति के मॉडेल का आखिर में अन्त होने के दावे पश्चिमी माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं। आर्थिक विकास के चीन द्वारा घोषित हो रहे आंकड़े गुमराह करने वाले होने की बात भी अब स्पष्ट होने लगी है। चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने भी इसकी कबुली देने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था। इस स्पष्ट बयान की केकिआंग को बड़ी किमत चुकानी पड़ी होने की बात कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कह रहे हैं।

चीन की अर्थव्यवस्था संकट में होने की बात राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कबूल कर दीलेकिन, मौजूदा समय में चीन की स्थिति इतनी खराब हुई है कि, इससे इनकार करना अब राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के लिए भी कठिन होने की बात भी अब सार्वजनिक हुई है।

चीन विश्व में दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था होने के कारण इसमें हो रही उथल पुथल का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर होगा, ऐसे अनुमान पहले ही जताए गए थे। इस वजह से आगे के दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है, इसके संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं। इसके काफी बड़े आर्थिक और राजनीतिक परिणाम विश्व में होंगे और चीन की अंदरुनि स्थिति पर भी इसका असर होगा, यह आसार भी अब स्पष्ट दिखने लगे हैं।

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