चीन के ‘बीआरआई’ प्रकल्प से इटली बाहर हुआ

रोम – चीन को यूरोप से जोड़ने वाले महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) प्रकल्प से इटली बाहर हुआ है। ‘जी २०’ बैठक के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात करके अपना यह निर्णय साझा किया। ‘बीआरआई’ में शामिल देशों की बैठक का आयोजन चीन अगले महीने कर रहा हैं। इस बैठक के लिए ९० देश उपस्थित रहेंगे, यह दावा करके चीन अपना शक्तिप्रदर्शन कर रहा हैं। लेकिन, उससे पहले ही इटली ने इस प्रकल्प से बाहर होकर चीन को झटका दिया है।

पिछले कई सालों से चीन ‘बीआराई’ प्रकल्प पर काम कर रहा हैं। इतिहास के समय के ‘सिल्क रोड’ फिर से शुरू करने का दावा करके चीन इसमें एशियाई, खाड़ी, अफ्रीकी एवं यूरोपिय देशों को आमंत्रित कर रहा हैं। इस प्रकल्प का हिस्सा हुए कुछ देशों को चीन कर्ज के जाल में खींच रहा हैं। चीन की यह कोशिश कुछ हद तक कामयाब होती देखी गई है।

‘जी ७’ यानी विकसित देशों की संगठन का सदस्य होने वाला इटली भी चीन के ‘बीआरआई’में फंसा था। वर्ष २०१९ में इटली की उस समय की सरकार ने चीन के साथ समझौता किया था। ‘जी ७’ के अन्य सदस्य देश चीन के इस प्रकल्प के विरोध में खड़े हैं और ऐसे में इटली के इसमें शामिल होने पर चिंता जताई जा रही थी। इस कारण से इटली के विपक्षी गुट बड़े आक्रामक हुए थे।

एक साल पहले इटली में सत्ता परिवर्तन होने के बाद ‘बीआरआई’ को लेकर चीन के साथ किया समझौता ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रहेगा, ऐसा कहा जा रहा था। इस संकट को भांपकर चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने इस वर्ष के फ़रवरी महीने में वैंग ई को शीघ्रता से इटली दौरे पर रवाना किया था। लेकिन, वैंग ई को खाली हात स्वदेश लौटना पड़ा था।

पिछले दो दिनों से भारत में आयोजित ‘जी २०’ परिषद के दौरान इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात करके इस प्रकल्प से बाहर होने का निर्णय साझा किया। चीन के साथ अन्य सहयोग जारी रहेंगे, यह भी मेलोनी ने इस दौरान स्पष्ट किया। इटली के शीर्ष अखबार ने इसकी खबर जारी की है। पिछले हफ्ते इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो टैलानी ने चीन दौरा करके यही संदेश पहुंचाया था। इटली के अधिकांश राजनीतिक दल इस प्रकल्प के विरोध में होने की बात उन्होंने स्पष्ट की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.