ब्रिटेन के ‘चाइना स्पाईंग’ मामले को लेकर प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक ने चीनी प्रधानमंत्री से किए सवाल

लंदन/बीजिंग – ब्रिटेन की शासक पार्टी के मंत्री एवं वरिष्ठ सांसदों के साथ काम कर रहे दो सहायकों को चीन के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले को ब्रिटीश सरकार बड़ी गंभीरता से देख रही हैं और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक ने ‘जी २०’ परिषद के दौरान चीन के प्रधानमंत्री ली किआंग से इस मामले को लेकर सवाल किए हैं। ब्रिटेन के संसदिय जनतंत्र में चीन हस्तक्षेप कर रहा हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसी चेतावनी ऋषी सुनाक ने चीन को देने की बात कही जा रही है। कुछ दिन पहले ब्रिटेन की ‘फॉरेन अफेयर्स कमिटी’ ने पेश किए रपट में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत से ब्रिटेन की संप्रभुता को बने खतरों का अहसास कराया गया था।

ब्रिटेन के ‘द संडे टाईम्स’ अखबार ने चीनी जासूसी का वृत्त जारी किया है। इसमें ब्रिटेन के मंत्री एवं वरिष्ठ सांसदों के दफ्तर में काम कर रही व्यक्ति के साथ उसके सहायक को गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ ‘ऑफिशिअल सीक्रेट्स एक्ट’ के तहत अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। गिरफ्तार व्यक्ति २० से ३० वर्ष उम्र गुट के हैं और दोनों के घरों पर भी छापे होने की जानकारी ब्रिटिश पुलिस के दाखिले से दी गई है।

गिरफ्तारी हुई एक व्यक्ति का जिक्र वैज्ञानिक किया गया है और उसने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री टॉम ट्युगेन्डहैट के साथ काम करने की जानकारी सामने आयी है। मंत्री टॉम ट्युगेन्डहैट एवं एलिशिआ कर्न्स ने संबंधित लोगों ने उनके साथ काम करने की पुष्टि की है। ट्युगेन्डहैट और कर्न्स के अलावा यह लोग शासक पार्टी के अन्य सदस्यों से भी संपर्क बनाए होने की जानकारी सामने आयी है।

ब्रिटिश सरकार ने इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनाक ने ‘जी २०’ बैठक के दौरान चीन के प्रधानमंत्री से जासूसी के मामले में सवाल करने की जानकारी भी सामने आयी है। चीन द्वारा ब्रिटेन के संसदीय जनतंत्र में हस्तक्षेप होने के मामले सामने आ रहे हैं और इस ब्रिटेन बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री सुनाक ने चीन के प्रधानमंत्री को दिया। चीनी प्रधानमंत्री से हुई चर्चा में अन्य विवादित मुद्दे भी उठाने की जानकारी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से साझा की।

कुछ दिन पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने चीन का दौरा किया था। इस दौरे पर शासक पार्टी के साथ विपक्ष ने भी जमकर आलोचना की थी। ब्रिटिश विदेश मंत्री के दौरे की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन की ‘फॉरेन अफेयर्स कमिटी’ ने चीन संबंधित रपट जारी की थी। इसमें चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत से ब्रिटेन की संप्रभूता को होने वाले खतरों को रोकने में ब्रिटेन कम पड़ रहा हैं, इसका अहसास कराया गया था। ब्रिटीश सरकार ने चीन संबंधित अपनी नीति अधिक स्पष्ट करने की ज़रूरत होने की सलाह भी इस समिती ने दी थी। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत और उसकी हरकतें ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए खतरा होने की खुली चेतावनी भी रपट में दी गई थी।

पिछले महीने ब्रिटेन ने आयात किए इलेक्ट्रिक वाहनों का वापर चीन जासूसी के लिए कर सकता हैं, ऐसा दावा ब्रिटेन के शीर्ष अखबार ने किया था। वहीं, जुलाई महीने में ब्रिटेन के उप-प्रधानमंत्री ऑलिवर डाऊडेन ने ब्रिटेन की आर्थिक सुरक्षा को चीन से बड़ा खतरा होने का इशारा दिया था।

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