नसरल्ला की गलती से लेबनान को भारी कीमत चुकानी पडेगी – इस्रायली रक्षामंत्री की चेतावनी

बैरूत – ‘हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्ला यदि कारिश प्रकल्प को नुकसान पहुँचाने की मंशा रखता है तो वह बेझिझक ऐसा करे। लेकिन, इसकी कीमत लेबनान को चुकानी पडेगी, इसे ध्यान में रखे’, ऐसी कड़ी चेतावनी इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने दी। भूमध्य समुद्र के कारिश ईंधन प्रकल्प के विवाद का हल निकालने के लिए इस्रायल और लेबनान के बीच चर्चा हो रही है। लेकिन, हिज़बुल्लाह का प्रमुख लगातार इस्रायल की सीमा के कारिश प्रकल्प पर हमले करने की धमकियाँ दे रहा है। नसरल्ला के इस धमकाने को लक्ष्य करके इस्रायली रक्षामंत्री ने यह चेतावनी दी।

नसरल्लाइस्रायल के रिशमन युनिवर्सिटी ने आयोजित आतंकवाद विरोधी परिसंवाद में बोलते समय रक्षामंत्री गांत्ज़ ने इस्रायल और लेबनान की सरकार के बीच जारी चर्चा की जानकारी प्रदान की। पिछले कुछ दिनों से अमरीका की मध्यस्थता से दोनों देशों में यह चर्चा जारी है। इसके ज़रिये भूमध्य समुद्र के कारिश प्रकल्प से इस्रायल और लेबनान को आर्थिक एवं ईंधन का लाभ होगा और इसके लिए इस्रायल तैयार है, ऐसा गांत्ज़ ने कहा। इस मामले में रविवार तक चली चर्चा सफल हुई, यह दावा हो रहा है।

लेकिन, कारिश प्रकल्प को लेकर इस्रायल और लेबनान की सरकार में चर्चा को हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्ला ने विरोध किया था। कारिश क्षेत्र पर और वहां हो रहे खनन पर लेबनान का ही पूरा अधिकार होने का दावा हिजबुल्लाह के प्रमुख ने किया था। साथ ही इस्रायल ने इस क्षेत्र का अधिकार छोड़ा नहीं तो इस्रायली प्रकल्प और जहाज़ों पर हमले करने की धमकी नसरल्ला ने दी थी। कुछ ही दिन पहले इस्रायली नौसेना ने कारिश प्रकल्प की दिशा में बढ़ रहा हिजबुल्लाह का हमलावर ड्रोन मार गिराया था।

इस पृष्ठभूमि पर इस प्रकल्प के मुद्दे पर लेबनान के साथ जारी चर्चा का ज़िक्र करते हुए रक्षामंत्री गांत्ज़ ने हिजबुल्ला को चेतावनी दी। इस्रायल की सीमा के कारिश प्रकल्प की सुरक्षा के लिए इस्रायल तैयार है। इस्रायल की सारी यंत्रणा सावधान और जवाबी हमले के लिए तैयार होने की बात गांत्ज़ ने स्पष्ट की। इस्रायली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इयल हुलाता ने भी लेबनान सरकार के साथ चर्चा का समर्थन किया। लेबनान में स्थिरता लाना और हिजबुल्लाह का प्रभाव कम करना ही इस चर्चा में इस्रायल का उद्देश्य होने की बात हुलाता ने स्पष्ट की।

भूमध्य समुद्र तक फैले ८६० चौरस किलोमीटर क्षेत्र में फैले कारिश ईंधन क्षेत्र पर इस्रायल और लेबनान अपना हक जता रहे हैं। इनमे से अपनी सीमा से इस्रायल ने ईंधन वायु का खनन शुरू किया है। इसके लिए इस्रायल ने ब्रिटीश कंपनी को ठेका दिया था। लेकिन, इस विवादित समुद्री क्षेत्र में खनन शुरू करके इस्रायल ने हमारे समुद्री क्षेत्र का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप लेबनान ने लगाया था। यह विवाद शुरू होने के बाद अमरीका ने इस्रायल और लेबनान के बीच मध्यस्थता शुरू की थी।

इसी बीच, हिजबुल्ला के आतंकी वजह ढूंढ़कर इस्रायल पर हमले करने की तैयारी में है, यह इशारा इस्रायली विश्लेषक दे रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हिजबुल्लाह के आतंकियों ने कारिश प्रकल्प पर ड्रोन हमला करने की कोशिश की। इसी बीच इन आतंकियों ने इस्रायल की सीमा में घुसपैठ करने की भी कोशिश की थी। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस के प्रमुख ने हिजबुल्लाह के प्रमुख से मुलाकात करने के बाद इन घटनाओं में बढ़ोतरी होने का दावा किया जा रहा है।

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