‘अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदलने से चीन का दावा वैध नहीं साबित होता’ : भारत का मुँहतोड़ जवाब

नई दिल्ली, दि. २० : अरुणाचल प्रदेश की छह जगहों के नाम बदलकर चीन ने भारत को झटका देने की कोशिश की| लेकिन ‘इससे चीन का अरुणाचल प्रदेश पर का अवैध दावा वैध नहीं साबित होता’ ऐसा कहकर भारत के विदेशमंत्रालय ने चीन को फटकारा है| उसी समय, अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य भूभाग है, ऐसा विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है| वहीं, केंद्रीय शहरविकास तथा सूचना एवं प्रसारणमंत्री व्यंकय्या नायडू ने, अरुणाचल प्रदेश के हर इंच पर भारत का सार्वभौम अधिकार है, यह कहकर खबरदार किया है|

‘अरुणाचल प्रदेशचीन ने अरुणाचल प्रदेश में छह जगहों के नये नामों का ऐलान करके भारत को उकसाया था| इसी के आधार पर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा और मजबूत करने की कोशिश चीन द्वारा की जा रही है| ‘लेकिन इससे हालात बदलेंगे नहीं| इस भूप्रदेश पर चीन के अवैध दावे को इससे वैधता नहीं मिलेगी’ ऐसा विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता गोपाळ बागले ने कहा है| साथ ही, चीन के इन कारनामों का दोनों देशों में होनेवाले सीमावाद पर की चर्चा पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा, ऐसा बागले ने आगे कहा है| इसी कारण चीन द्वारा होनेवाले ऐलान को ज्यादा अहमियत ना देने की नीति भारत ने अपनायी है, ऐसा लग रहा है| केंद्रीय शहरविकास तथा सूचना एवं प्रसारणमंत्री व्यंकय्या नायडू ने चीन की इस कार्रवाई पर दी प्रतिक्रिया यही नीति अधोरेखित कर रही है|

‘तुम यदि तुम्हारे पड़ोसियों के नाम बदलते हो, तो भी उनके हालात में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता ’ ऐसा कहकर नायडू ने चीन के इन कारनामों पर  ताना मारा है| साथ ही, ‘अरुणाचल प्रदेश की हर इंच भूमि पर भारत का सार्वभौम अधिकार है’ यह जताकर, ‘चीन के नाम बदलने से कुछ भी फ़र्क़ पड़नेवाला नहीं है’ ऐसा नायडू ने आगे कहा| इसी दौरान, बौद्ध धर्मगुरू और तिब्बत के नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के बाद अस्वस्थ हुए चीन ने भारत को धमकियाँ देनी शुरु की थीं| लेकिन उन्हें भारत द्वारा नज़रअंदाज़ कर दिये जाने के बाद चीन की ओर से और भी तीखीं प्रतिक्रियाएँ आयी थीं| इसपर भी भारत ने ध्यान ना देने के बाद चीन द्वारा, अरुणाचल प्रदेश स्थित कुछ जगहों के नाम बदलकर नया झगड़ा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है|

दलाई लामा की यात्रा के बाद, ‘हम भारत के खिलाफ कुछ करके दिखा रहे हैं’ यह अपनी जनता को दिखाने के लिए चीन सरकार ने यह नाम बदलने का कार्यक्रम हाथ में लिया हैं| इससे पहले ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में, जापान के कब्जे में रहनेवाले ‘सेंकाकू’ द्वीपसमूह पर अपना अधिकार जताकर उसका ‘दियेवू’ ऐसा नामकरण किया था| लेकिन आज भी यह द्वीपसमूह आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘सेंकाकू’ नाम से ही जाना जाता है| इसके कारण चीन द्वारा इस द्वीपसमूह का बदला हुआ नाम केवल चीन तक ही सीमित रहा है|

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