इस्रायल से युरोप के राष्ट्रवादी गुट के सदस्य देशों की बैठक के लिए पहल – चार युरोपीय देश बैठक का हिस्सा होने के लिए तैयार

Third World Warजेरुसलम: ईरान पर लगाए प्रतिबंध, जेरूसलम का विवाद, युरोप में ज्यू धर्मियों के विरोध में बढ रहे द्वेष की पृष्ठभुमि पर अगले महीने में युरोपीय देशों की विशेष बैठक बुलाने के लिए इस्रायल ने पहल की है| राजधानी जेरूसलम में हो रही इस बैठक के लिए युरोप के राष्ट्रवादी विचारधारा का गुट के तौर पर जाने जा रहे ‘व्हिसग्रॅड’ का हिस्सा बने चार देशों को आमंत्रित किया गया है| इस गुट में हंगरी, पोलंड, झेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया का समावेश है| वर्ष २०१७ में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू इन्होंने युरोप में ‘व्हिसग्रॅड’ गुटों के राष्ट्रप्रमुखों से भेंट की थी|

इस्रायल, युरोप, राष्ट्रवादी गुट, सदस्य देशों, बैठक, पहल, चार, युरोपीय देश, हिस्सा, होने, तैयारईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमरिका ने की वापसी और पैलस्टिन समस्ये के मुद्दे पर पिछले कुछ महीनों में खाडी क्षेत्र में बने तनाव में लगातार बढोतरी होती दिखाई दे रही है| इन मुद्दों पर इस्रायल और युरोपीय देशों के संबंध बिगड रहे है| साथ ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने इस्रायल के समर्थन में डटकर खडे रहने का निर्णय किया है और अन्य देश भी इस्रायल की भूमिका का समर्थन करे, इस लिए कोशिश शुरू की है| इस पृष्ठभुमि पर ईरान और अन्य मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त करने के लिए इस्रायल की कोशिश शुरू है|

इस वजह से १८ और १९ फरवरी के दिन जेरूसलम में हो रही इस बैठक को विशेष महत्व प्राप्त हो रहा है| इस्रायल के प्रधानमंत्री ने पिछले दो वर्षों में कई बार युरोप की यात्रा की है और ग्रीस, सायप्रस के अलावा बाल्कन क्षेत्र के अहम देशों को भेंट दी है| प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने बाल्कन नेताओं के साथ की बातचीत में ईंधन और सुरक्षा के मुद्दे पर जोर देकर ज्यू वंशियों की सुरक्षितता का मुद्दा भी उपस्थित किया था| साथ ही इस्रायल और युरोप के दरमियान ‘इस्टमेड पाईपलाईन’ नाम से महत्त्वाकांक्षी ईंधन परियोजना शुरू की जा रही है और यह परियोजना आगे बाल्कन देशों तक बढाने के संकेत इस्रायली प्रधानमंत्री ने दिए थे|

‘व्हिसग्रॅड’ का हिस्सा बने हंगरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन इन्होंने पिछले वर्ष इस्रायल की यात्रा की थी| ‘व्हिसग्रॅड’ गुट के देश युरोप में राष्ट्रवादी देश के तौर पर पहचाने जा रहे है| यह गुट और बाल्कन समुह के देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने विशेष जोर दिया है| इन देशों के युरोपीय महासंघ के अन्य सदस्य देशों के साथ कई मुद्दों पर तीव्र मतभेद होने की बात स्पष्ट हुई है| ऐसी परिस्थिति में इन देशों को इस्रायल जैसे देश से प्राप्त हो रहा समर्थन भी ध्यान आकर्षित करता है|

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